DNA ANALYSIS: लिप सिंक से कैसे दर्शकों को खुलेआम धोखा देते हैं सिंगर, समझें पूरी कहानी
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DNA ANALYSIS: लिप सिंक से कैसे दर्शकों को खुलेआम धोखा देते हैं सिंगर, समझें पूरी कहानी

DNA में आज बात कोलकाता के पलटन नाग की जो पिछले 40 साल से किशोर कुमार के गाने गाकर लोगों का मनोरंजन करते हैं और उन्हें चाय भी पिलाते हैं. लेकिन उन पर लगे लिप सिंक करने के आरोप पूरी तरह से झूठे साबित हुए हैं. आज हम आपको लिप सिंक के जरिए दर्शकों के साथ होने वाले धोखे की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं. 

DNA ANALYSIS: लिप सिंक से कैसे दर्शकों को खुलेआम धोखा देते हैं सिंगर, समझें पूरी कहानी

नई दिल्ली: हमने मंगलवार को आपको कोलकाता के उस चाय वाले से मिलवाया था जो सुरीली आवाज़ में किशोर कुमार गाने गाते हुए अपने ग्राहकों को कड़क चाय पिलाता है. इस चाय वाले का नाम पलटन नाग है. पलटन नाग पिछले 40 वर्षों से किशोर कुमार के गाने गाकर लोगों का मनोरंजन भी कर रहे हैं और उन्हें चाय भी पिला रहे हैं. लेकिन जब हमारे ही देश के कुछ पत्रकारों को इस चाय वाले के बारे में पता लगा तो वो इनके पास पहुंच गए और ये दावा करने लगे कि पलटन नाग खुद गाना नहीं गाते बल्कि सिर्फ होंठ हिलाते हैं, जिसे अंग्रेज़ी में लिप सिंक (Lip Sync) कहा जाता है. यानी गाना सिर्फ उनके पीछे बज रहा होता है और वो सिर्फ होंठ हिलाते हैं.

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दर्शकों से लिप सिंक के साथ धोखा

लेकिन जब हमारी टीम इस चाय वाले के पास पहुंची तो लिप सिंक का दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ. हमें पता लगा कि ये चाय वाला आज से नहीं बल्कि 40 वर्षों से किशोर कुमार के गाने गा रहा है और उनकी इस प्रतिभा को कोलकाता के हज़ारों लोग अपनी आंखों से देख चुके हैं. हम आपको बताएंगे कि लिप सिंक के नाम पर अपने फैंस को धोखा, देश की असली प्रतिभाएं नहीं बल्कि वो सिंगर्स देते हैं जो अब बहुत बड़ी सेलिब्रिटीज बन चुके हैं और जो हज़ारों रुपये की टिकट खरीदकर इनकी परफॉरमेंस देखने वाले दर्शकों के साथ खुले आम धोखा करते हैं.

अक्सर लाइव परफॉरमेंस के दौरान लिप सिंक करके बड़े-बड़े सिंगर्स दर्शकों के साथ धोखा करते हैं. ये लोग स्टेज पर उछल कूद और डांस करते हुए गाना गाते हैं जबकि सच ये है कि डांस करते हुए गाना आसान नहीं होता इसलिए जो बेहतरीन प्ले बैक सिंगर्स होते हैं या जो शास्त्रीय गायक होते हैं, वो बहुत सधी हुई मुद्रा में ही गाना गाते हैं. लेकिन सेलिब्रिटी गायक ऐसा नहीं करते. उदाहरण के लिए जब अमेरिका के मशहूर गायक जस्टिन बीबर (Justin Bieber) भारत आए थे तो उन्होंने अपने लाइव कंसर्ट में एक भी गाना खुद नहीं गाया था बल्कि सिर्फ लिप सिंक किया था जबकि उन्हें लाइव गाते हुए देखने के लिए लोगों ने हज़ारों रुपये में एक टिकट खरीदी थी.

कैसे हुई लिप सिंक की शुरुआत?

साल 1940 में जब साइलेंट फिल्मों का दौर खत्म हुआ था तब लिप सिंक की शुरुआत हुई थी और एक्टर्स, फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद अपने डायलॉग की डबिंग किया करते थे. इसके बाद 1960 के दशक में अमेरिका के मशहूर गायकों ने लिप सिंक की शुरुआत की थी. ये गायक स्टेज पर आते थे, परफॉर्म करते थे लेकिन असल में गाना नहीं गाते थे बल्कि सिर्फ होंठ हिलाते थे. ऐसा करने वालों में ब्रिटेन का मशहूर बैंड, बीटल्स भी शामिल था.

1980 के दशक में जब टेलीविजन पर म्यूजिक चैनल्स की शुरुआत हुई तो नए नए पोप सिंगर्स, स्टार्स बन गए जो सिर्फ स्टेज पर गाते नहीं थे बल्कि डांस भी करते थे. लेकिन जैसा हमने बताया कि डांस करते हुए गाना आसान नहीं होता है, इसलिए ये लोग लिप सिंक (Lip Sync) करने लगे.  साल 1990 में माइकल जैक्सन और मैडोना जैसे गायक स्टेज पर खुले आम लिप सिंक करने लगे और दर्शकों के साथ धोखे की एक नई परंपरा शुरू हो गई.

विवाद में फंसे ये सिंगर्स

साल 1990 में इसे लेकर एक बड़ा विवाद हुआ, जब मिली और वनिली नामक दो गायकों ने अपने गानों की एक एल्बम निकाली जो बहुत मशहूर हो गई. इसके बाद इन्होंने कई लाइव कंसर्ट (Live Concert) भी किए और इन्हें इस एलबम के लिए संगीत की दुनिया का मशहूर ग्रैमी अवॉर्ड (Grammy Award) भी मिला. लेकिन ये लोग असल में गाना नहीं गाते थे बल्कि सिर्फ लिप सिंक करते थे. यहां तक कि इन्होंने जो एलबम रिलीज की थी, उसमें भी इनकी नहीं बल्कि किसी तीसरे व्यक्ति की आवाज़ थी. इनकी पोल तब खुली जब अमेरिका में एक इंटरव्यू के दौरान, लोगों ने नोट किया कि इन्हें ठीक से अंग्रेज़ी नहीं आती और ये लोग जर्मन एक्सेंट में बात कर रहे हैं. इसके बाद इनके खिलाफ केस हुआ और इन्हें ग्रैमी अवॉर्ड वापस करना पड़ा.

साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी में चीन की एक गायिका ने गाना गाया था. लेकिन बाद में पता चला कि ये भी किसी और गाना था और ये सिंगर सिर्फ लिप सिंक कर रही थी. असल में ये गाना किसी और सिंगर का था. लेकिन चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी को लगा कि असली गाना गाने वाली सिंगर ज्यादा सुंदर नहीं है इसलिए उसकी जगह किसी और को लिप सिंक करने के लिए भेज दिया गया.

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इसी तरह 2012 में जब बराक ओबामा दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो इस समारोह में अमेरिका की मशहूर बेयॉन्स (Beyonce) ने गाना गाया था. लेकिन बाद में पता लगा कि ये भी लिप सिंक था. भारत में भी बहुत सारे गायक अब लिप सिंक करना ही पसंद करते हैं और कई बार तो रियलिटी शोज (Reality Shows) देखकर भी ये समझ में नहीं आता कि कंटेस्टेंट सच में गाना गा रहे हैं या लिप सिंक कर रहे हैं.

सिंगर्स क्यों करते हैं लिप सिंक?

ये मशहूर गायक लिप सिंक कई कारणों से करते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण है, एक बाद एक लाइव परफॉरमेंस देकर ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने का लालच. ये लोग अपनी क्षमताओं से बाहर जाकर एक साल में कई लाइव परफॉरमेंस करते हैं. अगर ये लोग हर कंसर्ट में गाना गाएंगे तो एक दिन इनकी आवाज़ बैठ जाएगी और इन्हें परफॉरमेंस से ब्रेक लेना पड़ेगा और इन्हें पैसों का नुकसान होगा. दूसरी वजह ये है कि कई बार इन्हें खुद अपने गाने याद नहीं होते और लाइव गाना गाते समय ये लोग गाने के बोल भूल जाते हैं जबकि लिप सिंक की वजह से दर्शकों को धोखा देना आसान हो जाता है.

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