रिश्वतखोरी के मामले में भारत पहले नंबर पर है. 39 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि उन्होंने पिछले 12 महीने में रिश्वत दी. 37 प्रतिशत के साथ कंबोडिया दूसरे और 30 प्रतिशत के साथ इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है.
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नई दिल्ली: अब भारत में भ्रष्टाचार पर चिंता बढ़ाने वाली एक रिपोर्ट के बारे में बात करते हैं. दुनियाभर में करप्शन पर रिसर्च करने वाली Transparency International की रिपोर्ट आई है. जिसमें भारत को एशिया का सबसे भ्रष्ट देश बताया गया है.
रिश्वतखोरी के मामले में भारत पहले नंबर पर है. 39 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि उन्होंने पिछले 12 महीने में रिश्वत दी. 37 प्रतिशत के साथ कंबोडिया दूसरे और 30 प्रतिशत के साथ इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है.
एशिया में सबसे ईमानदार देशों के बारे में बात करें तो मालदीव और जापान में सिर्फ 2% लोग ही मानते हैं कि उन्हें रिश्वत देनी पड़ी. तीसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया है.
अब आपको बताते हैं भारत में फैले भ्रष्टाचार के बारे में-
46 प्रतिशत भारतीय मानते हैं कि पुलिस सबसे ज्यादा भ्रष्ट है. 46 प्रतिशत मानते हैं कि स्थानीय अफसर भ्रष्ट हैं. 42 प्रतिशत का मानना है कि सांसद भ्रष्ट हैं. 41 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार है. 20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जज और मजिस्ट्रेट भी भ्रष्ट हैं.
आपको ये भी जानना चाहिए कि कौन सा भ्रष्टाचार कितनी बड़ी समस्या है. 89 प्रतिशत भारतीयों के लिए सरकारी भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है. 39 प्रतिशत लोगों को सरकारी काम में रिश्वतखोरी, 46 प्रतिशत लोग सिफारिश को बड़ा भ्रष्टाचार मानते हैं. 18 प्रतिशत ने कहा कि वोट के लिए नोट को भ्रष्टाचार बताया और अब एक सबसे ज़्यादा चिंता वाली जानकारी, 11 प्रतिशत लोगों ने माना कि काम के बदले शारीरिक शोषण सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है.
पिछले 1 वर्ष में भारत में भ्रष्टाचार कितना बढ़ा?
47 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि देश में भ्रष्टाचार पहले से ज्यादा हो गया है. 27 प्रतिशत ने माना कि भारत में भ्रष्टाचार कम हुआ है. 23 प्रतिशत ने कहा कि 1 साल में कुछ नहीं बदला और 3 प्रतिशत लोगों ने इस पर कोई राय नहीं दी.
एशिया में भारत करप्शन की रेटिंग में कहां है?
एशिया में 23 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पुलिस सबसे भ्रष्ट है. 17 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अदालतें भ्रष्ट हैं. यहां गौर करने वाली बात है कि भ्रष्टाचार की सज़ा देने वाले कोर्ट को भी जनता भ्रष्ट समझती है. ये दुखद और चिंताजनक है. 17 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पहचान पत्र बनाने वाले विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है. स्कूल, ज़रूरी सेवाओं और अस्पतालों में भी लोगों की नज़र में रिश्वतखोरी बड़ी समस्या है.