आजकल पैसे को सभी तरह की खुशियों से जोड़कर देखा जाता है. जो लोग पैसे के पीछे भागते हैं, वो तर्क देते हैं कि पैसे से दुनिया की हर खुशी खरीदी जा सकती है.
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नई दिल्ली: आजकल पैसे को सभी तरह की खुशियों से जोड़कर देखा जाता है. जो लोग पैसे के पीछे भागते हैं, वो तर्क देते हैं कि पैसे से दुनिया की हर खुशी खरीदी जा सकती है. ये बात ठीक भी है कि पैसा अच्छा जीवन जीने के लिए जरूरी है. लेकिन पैसा खुशियों का एकमात्र आधार नहीं हो सकता.
रिसर्च में सामने आए ये नतीजे
द यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अपनों के साथ बिताया गया वक्त ही किसी व्यक्ति के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इसका प्रभाव पैसे के असर से भी ज्यादा होता है.
इस रिसर्च में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे एक हजार छात्रों से एक सवाल पूछा गया. ये सवाल था कि वो वक्त को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं या फिर पैसे को. 60 प्रतिशत छात्रों का जवाब था, वक्त को. वहीं 40 प्रतिशत छात्रों ने पैसे को ज्यादा महत्व दिया.
एक वर्ष के बाद जब इन्हीं छात्रों से दोबारा ये सवाल पूछा गया तो उसके नतीजे हैरान करने वाले थे. जिन 40 प्रतिशत छात्रों ने पैसे को ज्यादा महत्व दिया था, उनकी जिंदगी में खुशियां कम थी. यानी पैसों को महत्व देने वाले छात्र वक्त को महत्व देने वाले छात्रों से कम खुश थे.
ज्यादा बैंक बैलेंस खुशियों की गारंटी नहीं
हमें लगता है कि अगर आपके पास अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त पैसा है तो आप खुश हो सकते हैं. लेकिन अगर आपके बैंक अकाउंट में बहुत ज्यादा बैलेंस हो, तो ये जीवन में बहुत ज्यादा खुशियों की गारंटी नहीं है. शायद अभी तक आप भी ये मानते होंगे कि ज्यादातर धनवान लोग खुश होते हैं.
पैसे, अच्छी शिक्षा और भौतिक सुख-सुविधाओं की जरूरत सभी को होती है. जब पेट भरा होता है, हाथ में पैसे होते हैं तो खुश रहने के अवसर भी ज्यादा मिलते हैं. लेकिन कई बार आपके पास पैसे होते हैं लेकिन उस पैसे को खर्च करने का वक्त नहीं होता है.
इसलिए आज आपको खुशियों की अहमियत समझनी होगी. आपको इसका अहसास कराने के लिए हमने एक स्पेशल रिपोर्ट तैयार की है. ये विश्लेषण आपकी सोच को बदल सकता है और आपके जीवन को पहले के मुकाबले ज्यादा खुश कर सकता है.
खुशियों की अहमियत
क्या आपको भी लगता है कि पहले पैसा कमा लें और फिर अपनों के साथ वक्त बिता लेंगे. अगर आप भी ऐसी ही किसी भूल में हैं तो आपको बता दें कि खुशियां पैसों से नहीं मिलती हैं बल्कि खुद के और अपनों के साथ वक्त बिताने से मिलती है.
अब धीरे-धीरे ये बातें नौकरी और करियर की भागदौड़ में लगे आम इंसानों को भी समझ में आ गई हैं. यानी इन्हें भी जिंदगी की खुशियों वाली चाभी मिल गई है.
जिंदगी में पैसों से ज्यादा जरूरी है, लम्हे, यादें और अपनों के साथ वक्त बिताना आप पैसों से खुशी नहीं खरीद सकते.
कुल मिलाकर प्यार में मिली खुशी और खुशियों से भरा मन आपकी जिंदगी को डियर जिंदगी में बदल सकता है.
जीवन की बड़ी परेशानियों के पीछे सबसे बड़ी वजह
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की स्टडी में लोगों ने पैसों से ज्यादा अपनों को महत्व दिया है और इसे आधार मानकर कहा जा सकता है कि जीवन की बड़ी परेशानियों के पीछे सबसे बड़ी वजह प्यार की कमी है.
जब हम अपने लिए और अपनों के लिए वक्त निकालते हैं तब हम ज्यादा खुश रहते हैं. जिंदगी में खुशी ज्यादा मायने रखती है क्योंकि जब हम खुश रहते हैं तो हमारे शरीर में ऐसे हार्मोन्स रिलीज होते हैं जो हमारी सेहत को भी दुरुस्त रखते हैं जबकि दुखी होने की वजह से ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं जिसकी वजह से दिल की बीमारियों से लेकर कैंसर तक हो सकता है.
खुशियां बाजारों में नहीं मिलती हैं, खुशियां मिलती हैं, अपनों के बीच रहने से अच्छे रिश्ते निभाने से और प्यार करते रहने से और इसका अहसास आपकी जिंदगी में तब ज्यादा बढ़ जाता है, जब आप दूसरों के साथ अपनी खुशियों को बांटना शुरू कर देते हैं.
अगर आपको भी लगता है कि पैसों को हासिल कर लेने और अच्छे रहन सहन की सुविधाएं हासिल कर लेने से आप जीवन में खुशियां और आनंद हासिल कर लेंगे तो आपको अपने तौर तरीकों पर एक बार फिर से गौर करने की जरूरत है. क्योंकि प्यार पाने की नहीं, बल्कि दूसरों के लिए खुद को मिटाने की कला का नाम है.
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