DNA Analysis: सांसदी गई.. क्या जेल भी जाएंगी महुआ मोइत्रा? समझें कैश-फॉर-क्वेरी कांड की पूरी ABCD
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DNA Analysis: सांसदी गई.. क्या जेल भी जाएंगी महुआ मोइत्रा? समझें कैश-फॉर-क्वेरी कांड की पूरी ABCD

DNA Analysis: महुआ मोइत्रा के खिलाफ जब Ethics कमेटी की रिपोर्ट को जब लोकसभा में पेश किया गया तो संसद में हंगामा हो गया. इसके बाद प्रस्ताव को ध्वनि मत से पास कर दिया गया. यानी महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता चली गई.

फाइल फोटो

DNA में सबसे पहले हम Cash For Query कांड का विश्लेषण करेंगे जिसमें आज TMC की महुआ मोइत्रा की सांसदी छीन ली गई है. संसद की Ethics कमेटी की रिपोर्ट पर महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सजा सुनाई गई है. रिपोर्ट में विस्तार से सबूतों के साथ बताया गया है कि महुआ मोइत्रा ने Cash For Query कांड को कैसे अंजाम दिया और इसके बदले में क्या-क्या लाभ उठाए? लेकिन इस रिपोर्ट के बारे में जानने से पहले महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने की Timeline जान लीजिए.

संसद में रिपोर्ट पेश करते हुए हंगामा

Ethics कमेटी की रिपोर्ट को जब लोकसभा में पेश किया गया तो संसद में हंगामा हो गया. इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रिपोर्ट पर तीन चार दिन बाद चर्चा करवाने की मांग की ताकि रिपोर्ट को पढ़ने का वक्त मिल जाए. TMC सांसदों की अगुआई में विपक्ष ने सदन में मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए. विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.

लोकसभा दोबारा शुरु हुई चर्चा

दोपहर दो बजे जब लोकसभा दोबारा शुरु हुई तो रिपोर्ट पर चर्चा की गई. करीब एक घंटे की चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों की तरफ से दलीलें दी गईं. बहस के दौरान महुआ मोइत्रा ने सदन में बोलने की इजाजत मांगी लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि Ethics कमेटी की मीटिंग में उन्हें बोलने का पूरा मौका मिला था. इसलिए सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी गई. करीब एक घंटे की बहसबाजी के बाद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने का प्रस्ताव आया तो विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इसके बाद प्रस्ताव को ध्वनि मत से पास कर दिया गया.  यानी महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता चली गई.

महुआ के साथ सोनिया

संसद से निष्कासित होने के बाद महुआ मोइत्रा जब सदन से बाहर निकलीं तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उनके साथ चल रही थीं और ये मैसेज दे रही थीं कि वो और पूरी कांग्रेस पार्टी महुआ मोइत्रा के समर्थन में हैं. संसद में अपना पक्ष ना रख पाने की भड़ास और गुस्सा महुआ मोइत्रा ने संसद से बाहर निकलकर निकाल लिया.

महुआ मोइत्रा ने कौन सा गुनाह किया है?

महुआ मोइत्रा की खीझ को समझा जा सकता है लेकिन वो खुद भी जानती हैं कि उन्होंने जो किया है, वो गलत था लेकिन आखिर महुआ मोइत्रा ने ऐसा कौन सा गुनाह किया है कि जिसकी सजा उन्हें अपनी सांसदी गंवाकर चुकानी पड़ी है? इस सवाल का जवाब करीब चार पांच पन्नों की Report में है. पहले ये समझ लीजिये कि महुआ मोइत्रा के Cash For Query कांड की सच्चाई सामने कैसे आई?

महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI में शिकायत

14 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा के एक जानकार, जय अनंत देहाद्राई ने भ्रष्टाचार और Money Laundering के आरोप में महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI में शिकायत दर्ज करवाई. इसी शिकायत के आधार पर अगले ही दिन यानी 15 अक्टूबर को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से संसद में महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की मांग की.

महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत

17 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत को Ethics Committee के पास भेज दिया. 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा Ethics Committee के सामने पेश हुईं और अपमानजनक सवाल पूछे जाने का आरोप लगाते हुए बाहर निकलीं. 9 नवंबर को Ethics Committee ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की, जिसे कमेटी के 10 में से 6 सदस्यों ने अपना समर्थन दिया और चार ने इसका विरोध किया.

रिपोर्ट में क्या लिखा है?

10 नवंबर को Ethics Committee ने लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट भेजकर महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की. संसद में ये रिपोर्ट पेश की गई..और आज ही कमेटी की सिफारिश पर महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता छीन ली गई... हालांकि जिस Ethics Committee ने इस रिपोर्ट को तैयार किया, उसमें शामिल विपक्षी दलों के सभी चार सदस्यों ने अपनी असहमति दी थी और इस रिपोर्ट को Fixed Match करार दिया था. लेकिन क्या वाकई ऐसा है. इसका फैसला तो Ethics Committee की रिपोर्ट में क्या लिखा है. इसे जानने के बाद ही किया जा सकता है. 

महुआ मोइत्रा पर क्या आरोप लगे

महुआ मोइत्रा पर रिपोर्ट में जो कुछ भी लिखा गया है, उसका आधार CBI को मिली वो शिकायत है, जो महुआ मोइत्रा के ही जानकार जय अनंत देहाद्राई ने दर्ज करवाई थी. रिपोर्ट के पेज नंबर 6 पर बीजेपी सांसद और शिकायतकर्ता निशिकांत दुबे का बयान दर्ज है कि उन्हें जय अनंत देहाद्राई की तरफ से एक पत्र मिला है. जिसमें महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के सबूत हैं. रिपोर्ट के पेज नंबर 8 पर जय अनंत देहाद्राई के हवाले से कहा गया है कि वर्ष 2019 से 2023 के दौरान. अपने कार्यकाल में महुआ मोइत्रा ने अपने Online लोकसभा Account का User Name और Password बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को दे दिये जिसका इस्तेमाल हीरानंदानी ने सीधे महुआ मोइत्रा के हवाले से लोकसभा में सरकार से ऐसे सवाल पूछे जिनके जवाब वो अपने बिजनेस के फायदे के लिए जानना चाहते थे.

रिपोर्ट में ये दावा भी

रिपोर्ट में ये दावा भी किया गया है कि अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान महुआ मोइत्रा ने अपने Online लोकसभा Account पर जो 61 सवाल पूछे, उनमें से 50 सवाल ऐसे थे जिनका सीधा संबंध दर्शन हीरानंदानी और उनके हीरानंदानी ग्रुप के Business Interests से जुड़े थे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महुआ मोइत्रा के Account से दर्शन हीरानंदानी जो सवाल लोकसभा में पूछ रहे थे . उनके निशाने पर अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र थे और इसका मकसद भारत सरकार को बदनाम करना था. रिपोर्ट के पेज नंबर 8 पर ही कहा गया है कि Cash For Query के सीधे निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्र सरकार के अलग-अलग विभाग थे जिन्हें हीरानंदानी पसंद नहीं करते थे और इन सवालों का मकसद अडानी ग्रुप का संबंध केंद्र सरकार से जोड़कर दिखाना था.

बिजनेसमैन हीरानंदानी...

रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजनेसमैन हीरानंदानी गौतम अडानी को खासतौर पर Target कर रहे थे क्योंकि अडानी ग्रुप की वजह से हीरानंदानी ग्रुप के हाथ से कई Energy और Infrastructure से जुड़े Contracts निकल गए थे. तो एक बात जो रिपोर्ट में Clear होती है, वो ये है कि दर्शन हीरानंदानी ने महुआ मोइत्रा से अपनी जान-पहचान का फायदा..अपने Business Interests के लिए उठाया . लेकिन इसके बदले में महुआ मोइत्रा का क्या फायदा हुआ ? अपना Login User ID और Password..दर्शन हीरानंदानी को देने के बदले में महुआ मोइत्रा को क्या मिला ? इस सवाल का जवाब भी रिपोर्ट में शिकायतकर्ता जय अनंत देहाद्राई के हवाले से दिया गया है. जिन्होंने Ethics Committee को बयान दिया है.

कई मौकों पर महंगे Gifts

रिपोर्ट के पेज नंबर 9 पर लिखा है कि शिकायतकर्ता खुद इस बात का गवाह है कि महुआ मोइत्रा को कई मौकों पर महंगे Gifts जैसे कि Iphone, हीरे और रत्नजड़ित ज्वैलरी, Luxurious कंपनियों के Scarves, 35 जोड़ी जूते, विदेशी शराब, Expensive Footwears और Bags मिले. रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने अपनी आंकों से देखा है कि महुआ मोइत्रा को Cash मिलता था जो भारतीय रुपये और Pound Sterling में होता था .

हीरानंदानी की तरफ से दो करोड़ रुपये

रिपोर्ट के पेज नंबर 10 पर शिकायतकर्ता के हवाले से ये बताया गया है कि मई 2021 में महुआ मोइत्रा को हीरानंदानी की तरफ से दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी जिसके बदले में महुआ मोइत्रा को लोकसभा में गौतम अडानी और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एजेंडा चलाना था. इस पूरी रिपोर्ट का निचोड़ ये है कि महुआ मोइत्रा Cash और Gifts के लालच में अपने सांसद पद का गलत फायदा उठा रही थीं और जान-बूझकर भारत सरकार को बदनाम कर रही थीं लेकिन पूरा विपक्ष, खासकर कांग्रेस महुआ मोइत्रा के साथ ऐसे खड़ा दिख रहा है जैसे कह रहा हो कि महुआ मोइत्रा ने कुछ भी गलत नहीं किया है और Ethics Committee की रिपोर्ट को नकार रहा है. महुआ की करनी और Ethics Committee की रिपोर्ट पर आज संसद और संसद के बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कैसी जुबानी तलवारें चली हैं. 

Ethics कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल

कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष Ethics कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठा रहा है और खुद महुआ मोइत्रा कह रही हैं कि रिपोर्ट में जो भी दावे किए गए हैं, वो सिर्फ आरोप हैं और उनके ऊपर कोई भी आरोप अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है और मामला भी अभी अदालत में है जिसके आधार पर महुआ मोइत्रा अपनी संसद सदस्यता रद्द करने के फैसले को गलत बता रही हैं. वैसे अगर राजनीति के चश्मे को उतारकर इस रिपोर्ट को देखें तो महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की गंभीरता समझ में आती है. क्योंकि महुआ मोइत्रा ने जो किया है, वो ना सिर्फ अनैतिक है, बल्कि आपराधिक भी है. क्योंकि इससे देश की सुरक्षा को खतरा भी हो सकता था.

राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़

महुआ मोइत्रा के Login ID से हीरानंदानी ने जो सवाल पूछे और उन सवालों के जवाब में जो Documents उन्होंने हासिल कर लिए, वो Public Domain में उपलब्ध नहीं हैं. इस तरह की गोपनीय और संवेदनशील जानकारियों का सार्वजनिक होना राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होने जैसा है. किसी Un-Authorised शख्स को अपने Login Details शेयर करने का एक बड़ा खतरा ये भी है कि इससे साइबर अपराधियों और देश विरोधी तत्वों को, इसका इस्तेमाल देश के खिलाफ करने का मौका मिल सकता था.

राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाला अपराध

महुआ मोइत्रा के केस में भी जिस बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को महुआ मोइत्रा ने अपने लोकसभा Account की Details दीं, वो UAE में रहते हैं. जिनके कई विदेशी संपर्क हैं. अगर हीरानंदानी के जरिए किसी दुश्मन देश की एजेंसियों को महुआ मोइत्रा के Account का Access मिल जाता तो कितना बड़ा Risk होता, ये किसी को समझाने की जरूरत नहीं है. यानी ये सिर्फ महुआ मोइत्रा पर रिश्वतखोरी का आरोप नहीं है. बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाला अपराध है.

IT Act की धारा 43 और धारा 66 के तहत..

गलत तरीके से सांसदों के Portal की ID और Password साझा करने पर तीन साल की कैद और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है. महुआ ने जो किया, वो ना सिर्फ Ethically बल्कि कानूनी तौर पर भी बेहद गंभीर है. इसलिए सिर्फ महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने पर बात खत्म नहीं होती. इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और पता लगाया जाना चाहिए कि महुआ मोइत्रा के Cash For Query कांड का पूरा सच क्या है?

रिश्वत लेकर संसद में सवाल

वैसे रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का ये कोई पहला मामला नहीं है. वर्ष 2005 में संसद में रिश्वत लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही पाए जाने के बाद 23 दिसंबर 2005 को 10 लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद को बर्खास्त कर दिया गया था. इनमें 6 बीजेपी, 3 BSP, कांग्रेस और RJD का एक-एक सांसद शामिल था. ये लोग एक Sting Operation में पैसे लेकर सवाल पूछने की बात स्वीकार कर रहे थे. तब भी Ethics Committee की सिफारिश पर उनकी संसद सदस्यता रद्द की गई थी.

बीजेपी सांसदों ने किया विरोध

हालांकि, तब विपक्ष में रहते हुए बीजेपी का कहना था कि दोषी सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेज देना चाहिए और Cash For Query में फंसे सांसदों को अपनी बात रखने देना चाहिए . हालांकि, आज संसद में जब महुआ मोइत्रा अपना पक्ष रखना चाहती थीं तो बीजेपी सांसदों ने इसका विरोध किया.

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