हर तीन में से एक भारतीय मोबाइल पर सेव करता है ये डाटा, हो सकता है बड़ा नुकसान
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हर तीन में से एक भारतीय मोबाइल पर सेव करता है ये डाटा, हो सकता है बड़ा नुकसान

अक्सर लोग अपनी निजी जानकारियां या बैंकिंग डेटा, फोन या ईमेल (E-mail) पर सेव कर लेते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल फोन पर एटीएम (ATM) पिन सेव करना आपको कंगाल बना सकता है.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: अक्सर लोग अपनी निजी जानकारियां या बैंकिंग डेटा, फोन या ईमेल (E-mail) पर सेव कर लेते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल फोन पर एटीएम (ATM) पिन सेव करना आपको कंगाल बना सकता है. कभी-कभी ये छोटी सी लापरवाही आपको बर्बाद करने के साथ लाखों रुपये की चपत भी लगा सकती है.

  1. कभी भी न करें ये साधारण सी गलती
  2. लाखों रुपयों का हो सकता है नुकसान
  3. फोन पर न सेव करें गोपनीय जानकारी

सुधर जाइये!

लोगों के पास अक्सर एक से ज्यादा बैंक खाते होते हैं. इतना ही नहीं, जेब में अलग अलग डेबिट, क्रेडिट और एटीएम कार्ड मौजूद हो सकते हैं. लेकिन शायद आपको इस बात का इल्म तक नही कि अपने एटीएम पिन को अपने फोन, कंप्यूटर सिस्टम या ईमेल पर सेव करना कितना ज्यादा खतरनाक है.

चौकाने वाला खुलासा

अक्सर ये राय दी जाती है कि अलग अलग बैंक कार्ड्स के लिए एक ही पासवर्ड (Password) या एटीएम पिन (ATM PIN) न रखें. आपको बता दें कि एक सर्वे के मुताबिक तीन में से एक भारतीय नागरिक अपना पर्सनल डेटा पर्सनल कंप्यूटर, मोबाइल पर सेव करते हैं. दरअसल ये सर्वे 'कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल' की तरफ से किया गया. जिसमें भारतीयों की कुछ दिलचस्प आदतों का जिक्र है.

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सर्वे के मुताबिक हर तीन में से एक भारतीय, गोपनीय जानकारी रखता है. गोपनीय का मतलब जैसे क्रेडिट कार्ड क्रेडेंशियल, एटीएम पिन, बैंक अकाउंट डिटेल, डेबिट कार्ड डिटेल, आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर. इतना ही नहीं 11% भारतीय निजी आर्थिक जानकारी अपने फोन के कॉन्टैक्ट लिस्ट में ही सेव कर लेते हैं. लोगों को पता होना चाहिए कि फोन में डाउन लोड किए जाने वाले ऐप, कॉन्टैक्ट लिस्ट समेत बाकी चीजों की एक्सेस के लिये परमीशन मांगते हैं.

परिवार से शेयर करते हैं पासवर्ड

रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भारतीय अक्सर अपने सीक्रेट पासवर्ड अपने परिवार के अलावा भी लोगों के साथ साझा करते हैं. सर्वे के दायरे में आने वाले 7 प्रतिशत लोगों ने ये माना कि वो क्रेडिट कार्ड सीवीवी, डेबिट कार्ड, बैंक खाते, एटीएम पासवर्ड, आधार या फिर पैन नंबर जैसी अहम डिटेल्स अपने फोन में ही सेव करके रखते हैं.

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वहीं 15% लोग अपनी ऐसी जानकारियां ईमेल या फिर कंप्यूटर पर ही सेव रखते हैं. इस सर्वे में शामिल हुए कुल लोगों में सिर्फ 21% ने कहा कि उन्होंने अपने सभी पर्सनल डेटा और जानकारियों को याद कर रखा है, वहीं 39% लोगों को ये चीजें लिखकर स्टोर करनी होती है.

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(सांकेतिक तस्वीर)

ऑनलाइन क्रेडेंशियल्स को सहेजना कितना जोखिम भरा है, आपको इसका अंदाजा बढ़ती हैक और डेटा चोरी की संख्या से लगाना चाहिए. पैन नंबर और आधार और समेत अपनी कोई भी निजी जानकारी स्टोर करते तो ये एक रिस्क है. आपकी इन जानकारियों के लीक होने से आपके एटीएम पिन से कई गैरकानूनी अपराधों की आशंका बरकरार रहती है.

जरूरी सुझाव

फिर सवाल उठता है कि अपने क्रेडेंशियल्स कहां और कैसे सेव करें? तो याद रहे कि अगर आप अपनी ये जानकारियां ऑनलाइन ही सहेजना चाहते हैं, तो इसे महफूज रखने के कुछ सुझाव हैं.

1) इन जानकारियों को क्लाउड पर भी स्टोर किया जा सकता है, जिससे आप इन सुपर सीक्रेट इन्फोज को महफूज रख सकते हैं. इसे कंप्यूटर या ईमेल की बजाय, अपने क्लाउड स्टोरेज में ट्रांसफर करना एक बेहतर उपाय हो सकता है.

2) आपको बता दें कि पासवर्ड, आपके डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखता है. इसे कॉन्टैक्ट लिस्ट या फोन नोट्स पर रखने की बजाय, पासवर्ड प्रोटेक्टेड ही रखिए. ये इस बात को सुनिश्चित करता है कि ये जानकारी सिर्फ आप तक ही रहेगी.

3) इन दिनों हैकर्स की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में आपको टेक्नोलॉजी से हमेशा अपडेट रहना जरूरी है. डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आप अपना एटीएम पिन और पासवर्ड एक समय अंतराल पर बदलते रहें.

4) पोर्टेबल डिस्क में स्टोर करने से भी आपका डेटा सुरक्षित रहेगा. अगर आप डेटा को स्टोर करने के लिए पासवर्ड प्रोटेक्टेड पेन ड्राइव या हार्ड डिस्क का इस्तेमाल  करते हैं तो ये भी एक सावधानी वाला कदम ही साबित होगा.

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