देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले राजनेताओं में वंशवाद का सही मायने में विरोधी रहे राजनेताओं को गिनाएं तो दो नाम जेहन में आते हैं पहले वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इनसे ठीक पहले 10 साल पीएम रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह. ये दोनों देश के ऐसे राजनेता हैं, जिनके कोई भी करीबी रिश्तेदार राजनीति में नहीं आए.
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नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री डॉक्टर मनमोहन सिंह बुधवार को 86 साल के हो गए. देश-दुनिया में उन्हें चाहने वाले उनका जन्मदिन मना रहे हैं. यूं तो मनमोहन सिंह की जिंदगी से जुड़े कई किस्से आप सुन चुके होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जानकारी बता रहे हैं, जो शायद आप नहीं जानते होंगे. मौजूदा राजनीति में वंशवाद बड़ा मुद्दा बन चुका है. लोकतांत्रिक देश में यह एक ऐसी बीमारी है जिससे कोई भी राजनीतिक दल अछूता नहीं है. ऐसे दौर में अगर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले राजनेताओं में वंशवाद का सही मायने में विरोधी रहे राजनेताओं को गिनाएं तो दो नाम जेहन में आते हैं पहले वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इनसे ठीक पहले 10 साल पीएम रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह. ये दोनों देश के ऐसे राजनेता हैं, जिनके कोई भी करीबी रिश्तेदार राजनीति में नहीं आए. आइए मनमोहन सिंह के जन्मदिन पर जानने की कोशिश करते हैं कि भारत में जितने भी प्रधानमंत्री हुए उनके बच्चों और परिवार के दूसरे सदस्यों ने कैसे राजनीति का लाभ उठाया.
पंडित जवाहर लाल नेहरू: पंडित नेहरू देश के पहले और सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहे. उनके परिवार से इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, मेनका गांधी, वरुण गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी मुख्यधारा की राजनीति में रहे.
लाल बहादुर शास्त्री: उत्तर प्रदेश के बेहद मामूली परिवार में जन्म लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने वाले लाल बहादुर शास्त्री लोकतांत्रिक देश की खूबसूरती बयां करते हैं. शास्त्री के दो बेटे अनिज और सुनील कांग्रेस पार्टी में रहे और चुनाव भी लड़े. लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री आम आदमी पार्टी में हैं.
मोरारजी देसाई: मोरारजी देसाई के बेटे कांति सक्रिय राजनीति का हिस्सा रहे. कुलदीप नैयर ने अपनी किताब में जिक्र किया है कि जब पंडित नेहरू की मौत हो गई थी तब कांति देसाई ने कांग्रेस के सांसदों को अपने घर पर बुलाकर पिता के लिए समर्थन जुटा रहे थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी में इसके खराब संकेत गए और लाल बहादुर शास्त्री पीएम बनाए गए. इसके बाद भी कांति देसाई पिता मोरारजी देसाई के लिए चुनाव की प्लानिंग करते रहे.
चौधरी चरण सिंह: किसानों की राजनीति करने वाले चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह और पोते जयंत चौधरी सक्रिय राजनीति में हैं.
विश्वनाथ प्रताप सिंह: इनके बेटे अजय प्रताप सिंह जनमोर्चा पार्टी के अध्यक्ष रहे और बाद में कांग्रेस में चले गए.
चंद्रशेखर: उत्तर प्रदेश के बलिया से निकलकर देश के प्रधानमंत्री बनने वाले चंद्रशेखर के बेटे नीरज चौधरी भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बने. इसके अलावा चंद्रशेखर के परिवार के कई और सदस्य एमएलसी और पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं.
पीवी नरसिम्हा राव: इनके बेटे राजेश कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक और सांसद रहे.
एचडी देवेगौड़ा: इनके दोनों बेटे एचडी कुमारस्वामी और एचडी रेवेणा सक्रिय राजनीति में हैं. कुमारस्वामी अभी भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं.
इंद्र कुमार गुजराल: इनके बेटे नरेश गुजराल अकाली दल से राज्यसभा सांसद रहे.
अटल बिहारी वाजपेयी: अटल बिहारी ने शादी नहीं की थी, लेकिन इनके भांजे अनूप मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा भांजी करुणा शुक्ला बीजेपी से सांसद रह चुकी हैं. करुणा फिलहाल कांग्रेस में हैं.
मनमोहन सिंह: इनकी तीन बेटियां हैं उपिंदर सिंह, दामन सिंह और अमृत सिंह. ये तीनों शिक्षक हैं. अब तक इन्होंने राजनीति में कोई रूचि नहीं दिखाई है.
नरेंद्र मोदी: वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परिवार यूं तो बहुत बड़ा है, लेकिन उनमें से कोई भी किसी भी स्तर पर सक्रिय राजनीति में नहीं हैं.
मौका आज मनमोहन सिंह के जन्मदिन का है इसलिए हम उनकी जिंदगी से जुड़ी बातों पर भी एक नजर डाल लेते हैं.
-मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में पंजाब प्रांत के गाह बेगल गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में पड़ता है। देश विभाजन के बाद उनका परिवार अमृतसर आ गया। जन्मतिथि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बीते वर्ष बताया था कि मेरी जन्मतिथि 26 सितम्बर इसलिए मानी जाती है कि स्कूल के रिकार्ड में यही तिथि दर्ज है।
- मनमोहन सिंह को उनकी सादगी के अलावा उनकी उच्च शिक्षा के लिए भी सम्मानित स्थान प्राप्त है. बचपन से ही उनका पढ़ाई की ओर विशेष रुझान था. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में बी.ए (आनर्स) की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वर्ष 1954 में यहीं से एम.ए (इकोनॉमिक्स) में भी उन्होंने पहला स्थान प्राप्त किया.
- पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के लिए वह कैंब्रिज विश्वविद्यालय गए जहां उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नेफिल्ड कॉलेज से मनमोहन सिंह ने डी. फिल की परीक्षा उत्तीर्ण की.
-मनमोहन सिंह पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में व्याख्याता के पद पर नियुक्त होने के बाद जल्द ही प्रोफेसर के पद पर पहुंच गए. मनमोहन सिंह ने दो वर्ष तक दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी अध्यापन कार्य किया. दुनिया इन्हें एक कुशल अर्थशास्त्री के रूप में जानती है.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी जन्मदिन की शुभकामनाएं
मनमोहन सिंह के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा है, 'मैं डॉक्टर मनमोहन सिंह की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.' वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा है, 'मनमोहन सिंह जी के जन्मदिन उनके द्वारा राष्ट्र निर्माण में वर्षों से किए गए कामों को याद करने का अवसर है. मैं उनके जन्मदिन पर अच्छे स्वास्थ्य और खुशी कामना करता हूं.'