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मलप्पुरम (केरल): प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य और कोट्टक्कल आर्य वैद्यशाला (KAS) के प्रबंध न्यासी डॉ पी के वारियर (Dr PK Warrier) का शनिवार को निधन हो गया. वे 100 साल के थे.
KAS के सूत्रों ने बताया कि वारियर ने दोपहर में अंतिम सांस ली. अपने 100 बरस के जीवनकाल में उन्होंने दुनिया के लाखों रोगियों का इलाज किया. उनसे इलाज कराने वालों में भारत और दूसरे देशों के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री भी शामिल रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में वारियर के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की. प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘डॉ. पी के वारियर (Dr PK Warrier) के निधन से दुखी हूं. आयुर्वेद (Ayurveda) को लोकप्रिय बनाने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं. ओम शांति.’
Saddened by the passing away of Dr. PK Warrier. His contributions to popularise Ayurveda will always be remembered. Condolences to his family and friends. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2021
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विधानसभा अध्यक्ष एम बी राजेश ने वारियर के निधन पर शोक व्यक्त किया. राज्यपाल ने कहा, ‘एक चिकित्सक के रूप में, वह आयुर्वेद की वैज्ञानिक खोज के लिए प्रतिबद्ध थे. वारियर (Dr PK Warrier) को आयुर्वेद के आधुनिकीकरण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए याद किया जाएगा. एक मानवतावादी के रूप में, उन्होंने समाज में सभी के लिए अच्छे स्वास्थ्य और सम्मानित जीवन की कल्पना की थी.’
सीएम विजयन ने कहा कि वारियर ने आयुर्वेद (Ayurveda) को वैश्विक ख्याति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनके प्रयासों के कारण ही आज चिकित्सा के इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वह केरल में आयुर्वेद के पितामह थे.’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वारियर ने केरल में आयुर्वेदिक उपचार में महान योगदान दिया और आयुर्वेद को चिकित्सीय विषय बनाने और इसे आधुनिक शिक्षा में एक मजबूत स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘हमने आयुर्वेद के पितामह को खो दिया है.’
कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि आयुर्वेद (Ayurveda) की महानता को दुनिया के सामने लाने वाले चिकित्सक के रूप में वारियर (Dr PK Warrier) का नाम हमेशा याद किया जाएगा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने भी वारियर के निधन पर शोक व्यक्त किया.
वारियर को 1999 में पद्मश्री और 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. चिकित्सक के रूप में वारियर (Dr PK Warrier) ने प्रामाणिक आयुर्वेद उपचार को लोकप्रिय बनाया. उनका जन्म शताब्दी समारोह आठ जून को आयोजित किया गया था.
मलप्पुरम के पास कोट्टक्कल में प्रसिद्ध आर्य वैद्यशाला और आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में कई सेवाओं की शुरुआत की गई. दशकों पहले डॉ वारियर की संस्था की बागडोर संभालने के बाद यह आयुर्वेद का पर्याय बन गया.
श्रीधरन नंबूदिरी और पन्नियमपिल्ली कुन्ही वारिसियर के घर पर 5 जून, 1921 को जन्मे पन्नियमपिल्ली कृष्णनकुट्टी वारियर (पी के वारियर) (Dr PK Warrier) की स्कूली शिक्षा कोट्टक्कल में हुई थी. वे 20 साल की उम्र में KAS में शामिल हो गए. वह भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता संग्राम की ओर आकर्षित हुए और पढ़ाई छोड़ दी. बाद में फिर से अध्ययन शुरू किया और 24 साल की उम्र में KAS के ट्रस्टी बने.
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