DRDO MPATGM trail: इसकी तकनीक इतनी उन्नत है कि आज के जमाने का कोई भी टैंक इससे बच नहीं सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके कामयाब परीक्षण पर डीआरडीओ और सेना को बधाई दी है.
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Anti Tank Guided Missile System: भारतीय सेना ने आसानी से कहीं भी ले जाने और कहीं से भी दुश्मन के टैंक को निशाना बनाने में सक्षम स्वदेश निर्मित ‘मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल’ (MPATGM) हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया जिससे उसे सेना के शस्त्रागार में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि इस हथियार प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. इस प्रणाली में MPATGM, लॉन्चर, लक्ष्य प्राप्ति उपकरण तथा एक अग्नि नियंत्रण इकाई है.
देश की बढ़ेगी ताकत
इस एंटी टैंक गाइड मिसाइल (Anti-tank guided missile) सिस्टम की बात करें तो भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रणाली के सफल परीक्षण के लिए DRDO और भारतीय सेना की प्रशंसा करते हुए इसे आधुनिक प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणाली के विकास में आत्म-निर्भरता हासिल करने की ओर महत्वपूर्ण कदम बताया. वहीं रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि उच्च श्रेष्ठता के साथ प्रौद्योगिकी को साबित करने के उद्देश्य से एमपीएटीजी हथियार प्रणाली का कई बार विभिन्न उड़ान विन्यासों में मूल्यांकन किया गया है.
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Developmental Trials of indigenously Designed and Developed Man Portable Anti Tank Guided Missile System (MPATGM) was successfully carried out and the system is now ready for Final User Evaluation Trails @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/9YeOTUFDrM
— DRDO (@DRDO_India) April 14, 2024
उसने कहा, ‘इस हथियार प्रणाली का 13 अप्रैल को पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया गया. मिसाइल का प्रदर्शन उल्लेखनीय पाया गया है. यह हथियार प्रणाली दिन और रात दोनों वक्त अभियान के लिए बिल्कुल उपयुक्त है.’ डीआरडीओ (DRDO) के अध्यक्ष समीर वी कामत ने इस परीक्षण से जुड़े दलों को बधाई दी.
पुराना हटेगा नया वर्जन मिलेगा
डीआरडीओ से मिली जानकारी के मुताबिक इस घातक अस्त्र के सारे ट्रायल पूरे हो चुके हैं. इसका वजन 14.50 kg है. लंबाई 4.3 फीट है. हालांकि इसे दागने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है. इसकी रेंज 200 मीटर से लेकर 2.50 km है. भारतीय सेना में इसके शामिल होने के बाद फ्रांस में बनी मिलन-2T और रूस में बनी कॉन्कर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के पुराने वर्जन को हटाया जाएगा
(इनपुट: न्यूज़ एजेंसी PTI)