हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तान को BrahMos की सूचनाएं लीक कर रहा था निशांत
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हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तान को BrahMos की सूचनाएं लीक कर रहा था निशांत

निशांत अग्रवाल रुड़की का रहने वाला है और दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. वह नागपुर में अपनी पत्नी के साथ रहता था.

रुड़की का रहने वाला निशांत अग्रवाल डीआरडीओ में इंजीनियर के पद पर तैनात था

विशाल सिंह रघुवंशी/ नागपुर : उत्तर प्रदेश एटीएस ने आज सोमवार को नागपुर स्थित ब्राह्मोस एयरोस्पेस इकाई के एक इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान को गुप्त सूचनाएं लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी को निशांत के निजी कंप्यूटर से सुरक्षा के कुछ गुप्त दस्तावेज मिले हैं. आरोप है कि निशांत आईएसआई के लिए काम करता था. वह अमेरिका को भी सूचनाएं लीक करता था.

यूपी आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के आईजी असीम अरुण ने बताया कि यूपी और महाराष्ट्र के एटीएस के एक संयुक्त अभियान में ब्राह्मोस के वर्धा रोड केंद्र से निशांत अग्रवाल को गिर‍फ्तार किया गया. निशांत के मकान मालिक मनोहर काले ने बताया कि यह इंजीनियर वर्धा रोड पर पिछले वर्ष से किराये के मकान में रह रहा था.

उन्होंने बताया कि निशांत अग्रवाल रुड़की का रहने वाला था और दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. और वह नागपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था. जांच एजेंसी ने निशांत के घर से लैपटॉप समेत कई दस्तावेजों को बरामद कर उन्हें सील कर दिया गया. निशांत से पूछताछ जारी है.  

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ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के 'मिलिट्री इन्डस्ट्रीयल कंसोर्टियम' एनपीओ मशिनोस्त्रोयेनिया' के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया है.

हनी ट्रैप किया गया निशांत को
जांच में यह बात निकलकर सामने आ रही है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने निशांत को हनीट्रैप किया है. आईएसआई के एजेंट ने फेसबुक के माध्यम से निशांत से संपर्क किया और फिर धीरे-धीरे नजदीकी दोस्ती बढ़ाई. बताया जा रहा है कि निशांत को अच्छी नौकरी का ऑफर देकर फंसाया गया. 

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जांच में यह पाया गया कि निशांत की जिन फेसबुक फ्रेंड्स से लगातार बातें चल रही थीं उनमें दो लड़कियों के अकाउंट हैं. दोनों ही फर्जी खाते हैं और इनका आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस पाकिस्तान का पाया गया है. जांच में यह भी पाया गया है कि इन्हीं फर्जी आईडी से कुछ और लोगों से भी संपर्क किया गया है और उन्हें लालच देकर फंसाया गया है. उनकी भी जांच की जा रही है. 

आईजी असीम अरुण ने बताया कि जांच एजेंसियों को जब इस फर्जी आईडी के बारे में पता चला तो इनकी खोजबीन की गई. खोजबीन के दौरान निशांत के बारे में पता चला. निशांत के अकाउंट की जब गहन जांच की गई तो कई चौंकाने वाले दस्तावेज हाथ लगे. निशांत को पूछताछ के लिए लखनऊ लाया गया है. 

उन्होंने बताया कि एटीएस ने हाल ही में बीएसएफ के सिपाही को गिरफ्तार किया था, उसे भी फेसबुक के जरिए फंसाया गया था. जांच के दौरान निशांत के बारे में पता चला. निशांत कितने दस्तावेज पाकिस्तान भेज चुका है, इस बात की जांच चल रही है. 

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