Khalistan Liberation Force से जुड़े हैं 2,500 करोड़ के Drugs केस के तार, स्पेशल सेल की जांच में खुलासा
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Khalistan Liberation Force से जुड़े हैं 2,500 करोड़ के Drugs केस के तार, स्पेशल सेल की जांच में खुलासा

Drug Syndicate Of 2,500 Crores Rupees: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने शनिवार को 2,500 करोड़ रुपये के ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था. स्पेशल सेल मामले की जांच में जुटी है.

प्रतीकात्मक फोटो | फोटो साभार: रॉयटर्स

नई दिल्ली: ढाई हजार करोड़ रुपये की 350 किलो ड्रग्स रिकवरी के मामले (2,500 Crores Rupees Drugs) में खुलासा हुआ है कि इसके तार आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (Khalistan Liberation Force) से जुड़े हैं. इस ड्रग्स केस में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Special Cell) ने शनिवार को 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

  1. पाकिस्तान-ईरान के रास्ते भारत भेजी जा रही ड्रग्स
  2. आतंकी गतिविधियों में ड्रग्स के पैसे का इस्तेमाल
  3. स्लीपर सेल के नेटवर्क को किया जा रहा मजबूत

केमिकल से बनाई जा रही हेरोइन

बता दें कि दिल्ली, पंजाब (Punjab) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विदेशों से केमिकल लाकर हेरोइन बनाई जा रही है. जांच एजेंसियों को शक है कि ड्रग्स का पैसा आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है. ड्रग्स का पैसा हवाला के जरिए पुर्तगाल में नवप्रीत को भेजा जा रहा है.

नार्को टेरररिज्म के तहत चल रहा ड्रग्स सिंडिकेट

साल 2020 में पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने भी ड्रग्स के एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था और ड्रग्स बरामद की थी. उस मामले में भी खुलासा हुआ था कि पुर्तगाल में बैठा नवप्रीत ही ड्रग्स सिंडिकेट का मास्टरमाइंड है. पंजाब पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि नार्को टेररिज्म (Narco Terrorism) के तहत ड्रग्स सिंडिकेट (Drugs Syndicate) चल रहा है और तार खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जुड़े हैं.

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दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स सिंडिकेट का बेस

जान लें कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल नवप्रीत के खिलाफ LOC जारी करने की तैयार में है. इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट का बेस दिल्ली-एनसीआर में बन चुका है.

2,500 करोड़ रुपये की ड्रग्स की रिकवरी के केस में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने फरीदाबाद के पॉश इलाके में हेरोइन बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी. इसके अलावा हाल ही में पंजाब पुलिस ने साउथ दिल्ली के एक फार्म हाउस में ड्रग्स फैक्ट्री का खुलासा किया था.

साजिश के पीछे आईएसआई का हाथ

गौरतलब है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और खालिस्तान अब एक नए ऑपरेशन के तहत भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए और अपने स्लीपर सेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए पैसे के बजाय ड्रग्स भेज रहे हैं.

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भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, अफगानिस्तान के तालिबान के कब्जे वाले इलाके से यह ड्रग्स पाकिस्तान-ईरान के रास्ते भारत भेजी जाती है ताकि सीमा पार से आने वाली ड्रग्स खासकर हेरोइन को भारत के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई किया जा सके.

भारत में इस ड्रग्स से होने वाली कमाई का इस्तेमाल आईएसआई और खालिस्तानी संगठन अपने स्लीपर सेल और नेटवर्क से जुड़े लोगों के जरिए आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने और भारत के युवाओं को ड्रग्स की लत के आदी बनाने की तैयारी में हैं. पंजाब में खालिस्तानी और आईएसआई अपनी जड़ें नार्को टेरर के जरिए मजबूत करना चाहते हैं.

स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, आईएसआई और खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने अब अपना नया गढ़ मध्य प्रदेश को बनाया है खासकर मध्यप्रदेश के शिवपुरी को. दरअसल यहां के ग्रामीण इलाकों में छोटी-छोटी फैक्ट्रियों की आड़ में अफगानिस्तान-पाकिस्तान के रास्ते भारत आई ड्रग्स को फाइन क्वालिटी का बनाया जाता है और फिर यहां से ड्रग्स आसानी से पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों में सप्लाई की जाती है.

मध्य प्रदेश में शिवपुरी के आगरा बॉम्बे रोड पर ड्रग्स चोरी-छिपे फैक्ट्री में तैयार की गई और फिर यहीं से हाईवे के जरिए दूसरे राज्यों में यह हेरोइन भेजी गई. हाल ही में कस्टम और डीआरआई (DRI) ने भी मध्य प्रदेश के शिवपुरी में कई हजार करोड़ की ड्रग्स बरामद की थी.

(इनपुट- राजू राज)

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