Shiv Sena Fraction: सीएम एकनाथ शिंदे ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री बनने की चाहत वह नहीं रखते थे. उनके बगावत करने की वजह उद्धव ठाकरे ही हैं. आइए जानते हैं कि एकनाथ शिंदे ने ऐसा क्यों कहा?
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Eknath Shinde Rebellion Reason: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) आ गया है और इसे महाराष्ट्र की प्रमुख सियासी पार्टियों शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी (NCP) के 2 गुटों के लिए अस्तित्व की लड़ाई माना जा रहा है. इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने खुलासा किया है कि उन्होंने बगावत क्यों की थी. एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के संस्थापक और अपने पिता बाल ठाकरे की विचारधारा को छोड़ दिया था. इसके अलावा एकनाथ शिंदे ने एक और बात बताई जिसके जरिए उन्होंने उद्धव ठाकरे के कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रति व्यवहार पर भी सवाल उठाए.
मुख्यमंत्री बनने की चाहत पर एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र में नागपुर के रामटेक में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की. इसमें एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे. पर बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होते देख उनको विद्रोह करना पड़ा. जान लें कि एकनाथ शिंदे जून, 2022 में उद्धव ठाकरे की लीडरशिप वाली शिवसेना से अलग हो गए थे और बाद में बीजेपी के समर्थन से सरकार बना ली थी.
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एकनाथ शिंदे ने क्यों की बगावत?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बाला साहेब ठाकरे तो हमें यानी पार्टी पदाधिकारियों को अपना दोस्त मानते थे. लेकिन उद्धव ठाकरे तो हमें अपने घर का नौकर समझने लगे थे. एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि कोई पार्टी तब आगे बढ़ती है जब उसका नेता घर पर बैठने के बजाय ग्राउंड लेवल के कार्यकर्ताओं तक पहुंचता है.
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MVA के पास विकास का एजेंडा नहीं
इसके बाद नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए एकनाथ शिंदे ने लोगों से बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन को वोट देने की अपील की. एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है. एनडीए देश को आगे ले जाएगा.