पर्यावरण मंत्री ने लिखा कि अब हवा-पानी अधिक साफ है. ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है. ऐसे में इसे ही बेंच मार्क मानते हुए पर्यावरण को आगे भी इसी तरह का बनाए रखने का प्रयास होना चाहिए.
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नई दिल्ली: जैसे-जैसे लॉकडाउन (Lockdown) में ज्यादा रियायतें दी जा रही हैं, आम गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को एक बार फिर पर्यावरण (Environment) की चिंता सताने लगी है. कोरोना (Coronavirus) काल में पाबंदियों के कारण हवा शुद्ध हुई, नदियों में गंदगी कम हो गई, नदियों का जल स्वच्छ हो गया और ध्वनि प्रदूषण नाम मात्र का रह गया था. लेकिन लॉकडाउन में रियायतों के बाद फिर से इन सबका नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है.
ऐसे में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा कि कोविड 19 लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियों, यातायात इत्यादि में कमी का प्रभाव प्रदूषण पर पड़ा है.
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पर्यावरण मंत्री ने लिखा कि अब हवा-पानी अधिक साफ है. ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है. ऐसे में इसे ही बेंच मार्क मानते हुए पर्यावरण को आगे भी इसी तरह का बनाए रखने का प्रयास होना चाहिए.
अब जब हम सामान्य जीवन की ओर वापसी कर रहे हैं ऐसे में हम सब के लिए इस स्तर को बनाए रखना एक चुनौती होगी. पत्र में जावडेकर ने कहा है कि राज्य सरकार को प्रदूषण नियंत्रण के नियमों को सख्ती से लागू करना होगा.
उन्होंने कहा कि नदियों में औद्योगिक कचरा, उत्सर्जन आदि पर नियंत्रण लगाया जाए. जनता को जागरूक करने की जरूरत है. जावडे़कर ने मुख्यमंत्रियों से सहयोग की अपील की है. साथ ही कहा कि वे अपने संबंधित विभागों को इस बारे में निर्देश भी दें.