बॉलीवुड की रंगों में ड्रग्स का जहर कुछ ऐसा दौड़ रहा होगा, ये शायद किसी ने नहीं सोचा होगा, हर रोज होते नए खुलासों से इस रौशन दुनिया के काले चिट्ठे सामने आ रहे हैं. इस मामले की तह तक जाने के लिए अब ज़ी न्यूज जा पहुंचा है बॉलीवुड को ड्रग्स की खेप सप्लाई करने वालों के अड्डों पर.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड की रंगों में ड्रग्स का जहर कुछ ऐसा दौड़ रहा होगा, ये शायद किसी ने नहीं सोचा होगा, हर रोज होते नए खुलासों से इस रौशन दुनिया के काले चिट्ठे सामने आ रहे हैं. इस मामले की तह तक जाने के लिए अब ज़ी न्यूज जा पहुंचा है बॉलीवुड को ड्रग्स की खेप सप्लाई करने वालों के अड्डों पर. ज़ी न्यूज पहुंचा है Kwan टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी के दफ्तर. कहने को तो ये बॉलीवुड के टैलेंट मैनेज करती है, लेकिन चमचमाती फिल्मी दुनिया के पीछे इस टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी का कुछ और ही टैलेंट सामने आया है. आरोप है कि Kwan टैलेंट मैनेजमेंट के नाम पर बॉलीवुड की ड्रग्स जरूरतों को पूरा करती है.
Kwan के ऑफिस पहुंचा Zee News
ज़ी न्यूज सीधे पहुंचा इस कंपनी के दफ्तर जो अंधेरी वेस्ट में मौजूद है. ओशिवारा इलाके में कॉमर्स सेंटर नाम की बिल्डिंग में इसका रजिस्टर्ड ऑफिस है. ये बिल्डिंग राकेश रोशन की बताई जाती है हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसी बिल्डिंग में राकेश रोशन के प्रोडक्शन हाउस का भी दफ्तर है. रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक, अगस्त 2012 में कम्पनी रजिस्टर की गई.
Kwan के पीछे कौन?
इस कंपनी के मुख्य रूप से चार डायरेक्टर्स हैं. जिनके नाम हैं- ध्रुव चित्गोपेकर, मधु मांटेना, अश्वथा नाइक और इंद्रनील दास ब्लाह. इससे पहले अनिर्बन दास ब्लाह, मसाबा विवियन रिचर्ड्स, David Taghioff और कैलेब फ्रैंकलिन कम्पनी के डायरेक्टर्स थे. मधु मांटेना की शादी पूर्व वेस्टइंडीज क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स की बेटी मसाबा गुप्ता रिचर्ड्स से हुई थी, हालांकि अब इनका तलाक हो चुका है. ये अनुराग कश्यप के साथ फैंटम फिल्म्स के पार्टनर भी रहे चुके हैं. विकास बहल के मी टू कांड के बाद इन्होंने अपने रास्ते अलग कर लिए थे.
ये सिर्फ इत्तेफाक है या?
गौर करने वाली बात ये है कि Kwan टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी के दफ्तर को केंद्र माना जाए तो यहां से ड्रग पेडलर अंकुश अरेंजा और करमजीत सिंह आनंद के ठिकाने महज 200-300 मीटर के फासले पर हैं. जबकि जया, करिश्मा, मधु मांटेना, फिल्म डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा और ड्रग पेडलर राहिल विश्राम के ठिकाना भी तकरीबन 4 किलोमीटर के दायरे में ही है. ये इत्तेफाक है या ड्रग मंडली की प्लानिंग ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा.