भारत में सोशल मीडिया के जरिए अफवाहों से बढ़ रही हिंसा की घटनाओं पर सियासी घमासान मचा है.
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न्यूयॉर्क: भारत में सोशल मीडिया के जरिए अफवाहों से बढ़ रही हिंसा की घटनाओं पर सियासी घमासान मचा है. मोदी सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर कड़े नियमन की वकालत भी की. यह भी बताया कि कुछ घटनाओं में सोशल मीडिया साइटों को नोटिस तक भेजा गया है. इस बीच, सोशल मीडिया साइट फेसबुक ने कहा है कि वह फर्जी खबरों एवं झूठी सूचनाओं को हटाने का प्रयास करेगा. भारत समेत दुनिया के कई देशों में फेसबुक पर प्रसारित झूठी और भ्रामक सामग्री के कारण हिंसा फैलने के बाद हो रही आलोचनाओं को देखते हुए सोशल साइट ने यह कदम उठाने का फैसला किया है. फेसबुक अभी सिर्फ उन सामग्रियों को प्रतिबंधित करता है जिनमें प्रत्यक्ष तौर पर हिंसा की अपील होती है. नये नियमों के तहत उन फर्जी खबरों एवं तस्वीरों को भी प्रतिबंधित किया जाएगा जो हिंसा भड़का सकते हैं.
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फेसबुक पर आरोप है कि वह भारत समेत श्रीलंका एवं म्यांमार में हिंसा भड़काने में मददगार रहा है. इसके बाद फेसबुक को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी ने रिपोर्ट में कहा कि वह स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर इस तरह की श्रेणी में आने वाले पोस्टों की पहचान कर रहा है. यदि किसी संगठन के साथ काम कर उचित परिणाम नहीं मिला तो किसी अन्य संगठन की मदद लेगी.
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कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि गलत सूचनाओं की कई श्रेणियां हैं जो हिंसा भड़का रही हैं और हम नियमों में बदलाव कर रहे हैं जिससे हम ऐसी सामग्रियों को हटाने में सक्षम हो सकेंगे. उसने कहा कि हम आने वाले महीनों में नीति का क्रियान्वयन शुरू कर देंगे.