लग्जरी कारों का चोर बना नकली नोटों का किंगपिन, ISI ने भारत के खिलाफ रची साजिश
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लग्जरी कारों का चोर बना नकली नोटों का किंगपिन, ISI ने भारत के खिलाफ रची साजिश

भारत में नकली नोटों (Fake Currency) का मास्टरमाइंड शारिक उर्फ सट्टा अब दुबई में अपना ठिकाना बना चुका है. सट्टा पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा केस दर्ज हैं. इनमें ज्यादातर गाड़ियों की चोरी, आर्म्स एक्ट और धोखाधड़ी से जुड़े हैं. 

शारिक उर्फ सट्टा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत में जाली नोटों (Fake Currency) की तस्करी के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की नई चाल का खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि किस तरह देश में नकली नोटों के कारोबार को बढ़ाने के लिए शारिक उर्फ सट्टा नाम के शख्स को जिम्मेदारी दी गई है.

  1. नकली नोटों की प्लानिंग का खुलासा
  2. संभल के शख्स को मिली जिम्मेदारी
  3. दुबई से बैठकर चला रहा गैंग

दुबई से दिल्ली तक कारोबार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जांच में पता चला है कि ISI ने भारत में नकली नोटों के कारोबार को बढ़ाने की जिम्मेदारी शारिक को दी है जो उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) का रहने वाला है. शारिक दुबई (Dubai) में बैठकर ISI के भेजे गए नकली नोटों को दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में सप्लाई करवा रहा है.

जी न्यूज के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश से फरार होकर शारिक उर्फ सट्टा दुबई पहुंचा था. भारत में नकली नोटों का मास्टरमाइंड शारिक अब दुबई में अपना ठिकाना बना चुका है. सट्टा पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा केस दर्ज हैं. इनमें ज्यादातर लग्जरी गाड़ियों की चोरी, आर्म्स एक्ट और धोखाधड़ी से जुड़े हैं. 

20 अगस्त को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने 4 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ संभल से कमरे आलम और दिल्ली से जाकिर नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया था. दोनों से जब पूछताछ हुई तो एक ऐसा नाम सामने आया है जिसे सुनकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. पूछताछ में पता चला कि दुबई में बैठा शारिक नाम का शख्स पाकिस्तान से नकली नोटों की खेप मंगवाकर दिल्ली-एनसीआर समेत भारत में बैठे अपने गुर्गों कि जरिए सप्लाई करवा रहा है.

नकली नोटों का नया किंगपिन

जानकारी के मुताबिक शारिक उर्फ सट्टा कभी चोरी की गाड़ियों को खरीदने का काम करता था. ये चोरी की गाड़ियों का इतना बड़ा रिसीवर बन गया था कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस पर NSA के तहत एक्शन भी लिया था. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद शारिक एजेंसियों को चकमा देकर भारत से फरार हो गया और दुबई में अपना ठिकाना बना लिया. दुबई में ही वह ISI एजेंट के संपर्क में आया जिसके बाद ISI ने शारिक को जाली नोटों का नया किंगपिन बना दिया.

वहीं उत्तर प्रदेश का रहने वाला इकबाल काना पाकिस्तान में बैठकर पहले ISI के इशारे पर नकली नोटों का काम संभालता था. लेकिन अब जैश और लश्कर का हैंडलर बनकर भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया है. बिहार में हुए दरभंगा रेलवे स्टेशन पार्सल ब्लास्ट में भी इसका नाम सामने आया था.

ऐसे पूरी हुई ISI की तलाश

जांच एजेंसियों के मुताबिक पहले भारत में जितने भी जाली नोट आते थे वो पाकिस्तान में बैठा इकबाल काना नाम का शख्स ही भिजवाता था. इकबाल काना उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला था जो सालों पहले पाकिस्तान शिफ्ट हो गया था. यहां इसे ISI ने जाली नोटों के कारोबार की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन बिहार में रेलवे स्टेशन पार्सल ब्लास्ट की जांच में इसका नाम सामने आया था.

आईएसआई ने इकबाल काना को जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के लिए भारत में स्लीपर सेल एक्टिव कर ट्रेन में ब्लास्ट करवाने की जिम्मेदारी दी थी. ऐसे में ISI को तलाश थी एक ऐसे चेहरे की जिसका भारत में लोकल नेटवर्क हो और जो नकली नोटों के काले कारोबार को चला सके.

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इस काम के लिए शारिक उर्फ सट्टा ISI की लिस्ट में शामिल हो गया. शारिक दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लग्जरी गाड़ियों की चोरी का अपना गैंग पहले ही चला रहा था. अब वह दुबई में बैठकर उसी लोकल गैंग के गुर्गों के जरिए जाली नोटों के कारोबार को आगे बढ़ाने में लग गया है.

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