आज किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत, दोपहर 2 बजे होगी बैठक
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आज किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत, दोपहर 2 बजे होगी बैठक

सुबह 11 बजे दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच तीसरे दौर की बैठक होगी. ये बैठक सिंघु बॉर्डर से 4 किमी पहले आए होटल में होगी. दिल्ली पुलिस किसानों को इस बात के लिए मना रही है कि वो 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली न निकालें.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: किसान आंदोलन को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच आज 10वें दौर की बातचीत होगी. पहले ये बातचीत मंगलवार को होने वाली थी, लेकिन ये एक दिन के लिए टल गई. अब बुधवार दोपहर 2 बजे से ये बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में होगी.

  1. किसान आंदोलन के बीच 10वें दौर की बातचीत आज
  2. विज्ञान भवन में 2 बजे से होगी बातचीत
  3. दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच भी बातचीत

20 जनवरी सुबह 11 बजे दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच तीसरे दौर की बैठक

इस बीच सुबह 11 बजे दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच तीसरे दौर की बैठक होगी. ये बैठक सिंघु बॉर्डर से 4 किमी पहले आए होटल में होगी. दिल्ली पुलिस किसानों को इस बात के लिए मना रही है कि वो 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली न निकालें, क्योंकि इससे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. हालांकि किसान अब भी ट्रैक्टर रैली के लिए डटे हुए हैं.

सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में आज 11 बजे सुनवाई होनी है. 

सरकार और किसान दोनों ही चाहते हैं समस्या का हल

इससे पहले, तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच सरकार ने कहा था कि दोनों पक्ष मामले का जल्द समाधान चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है. सरकार ने यह दावा किया कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं और कहा कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो इसमें अड़चनें आती हैं. सरकार ने कहा कि मामले को सुलझाने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि किसान नेता अपने हिसाब से समाधान चाहते हैं.

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विचारधारा की लड़ाई की वजह से नहीं निकल रहा हल

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं. अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था. उन्होंने कहा कि चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'दोनों पक्ष समाधान चाहते हैं लेकिन दोनों के अलग-अलग विचार हैं. इसलिए विलंब हो रहा है. कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा.'

 

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