संयुक्त किसान मोर्चा में देश के 450 किसान संगठन शामिल है उन सभी ने एक साथ मिलकर 7 सदस्यों की कमेटी बनाई है. जो सरकार से बातचीत और अन्य विषयों पर फैसला लेगी.
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नई दिल्ली: किसानों से जुड़े कृषि बिल के विरोध को लेकर किसानों ने गृहमंत्री की पेशकश के बाद अपना पहला फैसला सुना दिया है. किसान संगठनों ने अपने इस फैसले में कहा है, 'हम कभी बुराड़ी ग्राउंड नही जाएंगे, और दिल्ली के सभी 5 हाइवे ब्लॉक करके दिल्ली की पूरी तरह से घेराबन्दी करेंगे.'
पंजाब के किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं. इस दौरान सिंघु बॉर्डर पर 30 किसान संगठनों की मीटिग हुई है. पहले राउंड की खत्म हो गई है और इस दौरान ये तय हुआ कि सभी किसान संगठनों से जुड़ी संगत दिल्ली के सीमावर्ती इलाको में ही रहेगी.
सशर्त मुलाकात पर नाराजगी
किसानों ने कहा कि जिस तरह देश के ग्रह सचिव की कल रात चिठ्ठी आई थी और उसमें गृह मंत्री के बयान के हवाले से जो शर्तों लगाई गईं हैं वो उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं. किसानों ने कहा कि सरकारी शर्तों में सड़कें खाली करो. बुराड़ी आओ, तब हम आपसे बातचीत करेंगे इस तरह की सशर्त बातचीत का प्रस्ताव किसानों ने ना मंजूर कर दिया है.
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कृषि मंत्री का बयान
इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसानों को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए. सरकार ने बातचीत से कभी इनकार नहीं किया है. कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार ने चौथी बार 3 दिसंबर को मिलने का प्रस्ताव दिया है. पहले से ही बातचीत चल रही है, किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. सरकार बातचीत के लिए तैयार है, उन्हें आंदोलन छोड़ना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए.
Govt has proposed to meet on Dec 3 for fourth time. So, talks are already going on, nobody should think govt isn't ready for it. Govt is open for talks,farmers' unions should create atmosphere for it. They should leave agitation & choose talks:Union Agriculture Min Narendra Tomar pic.twitter.com/Peo8J4X2D2
— ANI (@ANI) November 29, 2020
संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी
संयुक्त किसान मोर्चा में देश के 450 किसान संगठन शामिल है उन सभी ने एक साथ मिलकर 7 सदस्यों की कमेटी बनाई है. जो सरकार से बातचीत और अन्य विषयों पर फैसला लेगी.
पुलिस का अधिकारिक बयान
पुलिस ने ये भी कहा कि अगर किसान बुराड़ी जाना चाहते हैं जहां प्रशासन ने उन्हें विरोध प्रदर्शन के लिए जगह दी है वहां वो जा सकते हैं. हम खुद सभी को ले जाने के लिए तैयार हैं. वहीं किसानों की बैठकें लगातार जारी है.
(इनपुट एएनआई से )