बाते 8 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच MSP को लेकर सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने साफ शब्दों में कह दिया है कि MSP में कोई बदलाव नहीं होगा.
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नई दिल्ली: सरकार और किसान नेताओं के बीच गुरुवार को लगभग 8 घंटे चली बैठक में किसी बात पर सहमति नहीं बन पाई. अब अगली बैठक 5 दिसंबर को होगी. किसान और सरकार अपनी-अपनी बातों पर अड़े हुए हैं. लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर देते रहे. इस दौरान उन्होंने सरकार की तरफ से उपलब्ध कराए गए दोपहर का भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया.
सरकार ने अपनी ओर से लगभग 40 किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और गड़बड़ियों को सामने रखा. इन कानूनों के बारे में किसान नेताओं का कहना था कि इन्हें जल्दबाजी में सितंबर में पारित किया गया.
सूत्रों के हवाले से खबर आई कि MSP को लेकर सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है. सरकार MSP के मुद्दे पर किसानों के आगे झुकने को तैयार नहीं है. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने साफ शब्दों में कह दिया है कि MSP में कोई परिवर्तन नहीं होगा. सूत्रों ने जानकारी दी है कि किसानों से बाचतीत के दौरान वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गृह मंत्री अमित शाह से दो बार फोन पर बात की.
MSP (Minimum Support Price) will not be touched, no changes will be made to it: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar replies to farmer leaders during their meeting at Vigyan Bhavan in Delhi
(File photo) pic.twitter.com/LDW0v6ya59
— ANI (@ANI) December 3, 2020
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में सरकार और किसान यूनियनों ने अपनी-अपनी बातें रखीं. किसानों के साथ सरकार का कोई ईगो नहीं है. उन्होंने कहा कि APMC को मजबूत करने पर सरकार काम करेगी. कृषि मंत्री ने कहा कि 5 दिसंबर को 2 बजे एक बार फिर बैठक होगी.
किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील
एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि आंदोलन खत्म करने को लेकर किसान नेताओं ने अभी कुछ नहीं कहा है लेकिन मैं मीडिया के माध्यम से किसानों से आग्रह करना चाहता हूं कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत चल रही है आप लोग अपना आंदोलन खत्म कर दें. उन्होंने कहा कि बातचीत शुरू हुई है तो हल भी निकलेगा.
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उन्होंने कहा कि आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है. किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है. जो बिंदु निकले हैं उनपर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे.
APMC को सशक्त बनाए सरकार
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से APMC खत्म हो जाएगी. भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि APMC सशक्त हो और APMC का उपयोग और बढ़े. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है. इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है.
'जल्द दूर होगा किसानों का भ्रम'
इधर, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की समस्या यह है कि हर समय सत्ता की सनक और कुर्सी की भनक के लिए उनकी लार टपकने लगती है. उन्हें लगता है कि भय और भ्रम के माहौल में लोगों को गुमराह करने का काम करो, लेकिन उसमें सफलता कभी नहीं मिलेगी.
उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को किसी भी तरह का भ्रम है तो सरकार पूरी ईमानदारी के साथ उसे दूर करने के लिए काम कर रही है. ये भ्रम जल्द दूर होगा.
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'किसान आंदोलन बना जन आंदोलन'
इससे पहेल खबर आई थी कि किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. बैठक में शामिल किसान नेताओं ने सरकार से साफ-साफ कह दिया है कि स्थिति हमारे कंट्रोल से बाहर हो चुकी है. अब किसानों को समझाना हमारे हाथ में नहीं है. किसान नेताओं का कहना है कि ये आंदोलन अब सिर्फ किसानों का नहीं रहा ये जन आंदोलन बन चुका है. किसानों ने साफ-साफ कह दिया है कि सरकार को कानून रद्द करना होगा, तभी आंदोलन खत्म होगा.
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