Farmers Protest: मंगलवार को जय भगवान राणा ने जहर खा लिया था. उन्हें संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मृतक ने बताया था कि वह किसानों की स्थिति से परेशान है.
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नई दिल्ली: एक तरफ सरकार किसानों से लगातार बात कर रही है और बुधवार को किसान संगठनों के साथ बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक रोकने का प्रस्ताव भी दिया है. वहीं दूसरी तरफ किसानाें के आत्महत्या करने की खबरें सामने आ रही हैं. दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर जारी आंदोलन (Farmers Protest) के बीच फिर एक किसान ने आत्महत्या कर ली है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक किसान की पहचान जय भगवान राणा के रूप में हुई है. वह रोहतक के पकासमा गांव के रहने वाले थे. मंगलवार को 42 वर्षीय जय भगवान राणा ने सल्फास की गोलियां खा लीं जिसके बाद उन्हें संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
राणा को धरना स्थल से सीएटी एम्बुलेंस से अस्पताल लाया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, जय भगवान राणा ने एक सुसाइड (Farmer Suicide) नोट भी लिखा था. उन्होंने लिखा कि वह किसानों की हालत से परेशान हैं. वह बहुत छोटे आदमी हैं, उनके पास देने को कुछ नहीं है, वह सिर्फ अपनी जान दे सकते हैं. कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान सड़कों पर हैं. सरकार कहती हैं कि ये दो राज्यों का मामला है लेकिन ऐसा नहीं है. यहां पूरे देश के किसान हैं.
पुलिस के मुताबिक, उन्हें जय भगवान राणा का नोट मिला है. जिसकी जांच की जा रही है. राणा के पिता तकदीर उनका शव लेने आए थे और अपने गांव वापस चले गए हैं.
उनके पिता ने कहा कि राणा परिवार में अकेले व्यक्ति थे जो प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए थे. राणा ने कहा था कि वह प्रदर्शन खत्म होने के बाद वापस आ जाएंगे. पिता ने कहा कि हम छोटे किसान हैं, हमारे पास जमीन नहीं है. हमें नहीं पता था कि हमारा बेटा ऐसा कदम उठाएगा.
बता दें कि पिछले हफ्ते भी सिंघु बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी. लगभग दो महीने से जारी आंदोलन में अब तक कई किसान अपनी जान दे चुके हैं.
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