पिछले करीब एक महीने से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जमे किसानों और सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. आंदोलनकारी किसानों (Farmers Protest) ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 4 जनवरी तक उनकी मांगें नहीं मानी तो उसके बाद हालात बिगड़ने के लिए वह जिम्मेदार होगी.
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नई दिल्ली: संसद से पारित नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ पिछले 37 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers Protest) ने सरकार को सख्त चेतावनी जारी की है. किसान संगठनों ने कहा कि यदि सरकार 4 जनवरी तक उनकी मांगों पर उचित फैसला नहीं लेती है तो उसके बाद की परिस्थितियों के लिए वही जिम्मेदार होगी.
सिंघु बॉर्डर पर आयोजित हुई संयुक्त प्रेस वार्ता में स्वराज इंडिया संगठन के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारे दो कानून पर सरकार अभी तक टस से मस नही हुई है. इसलिए अब आंदोलन (Farmers Protest) को तेज किया जाएगा. सरकार के साथ 4 जनवरी को वार्ता है. यदि उसमें सकारात्मक परिणाम नहीं निकलते हैं तो 6 जनवरी से 20 जनवरी तक देश में जागृति अभियान चलाया जाएगा.
योगेंद्र यादव ने कहा, '23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पूरे देश में कार्यक्रम किया जाएगा. अब यूपी के शाहजहांपुर में भी किसान मोर्चा लगाया जाएगा. गुजरात में और उत्तर प्रदेश में भी सरकारों ने कानून को ताक पर रखा हुआ है. हम गुजरात के साथियों के संपर्क में हैं. सरकार की ऐसी हालत हो गई है कि इन्हें किसानों का समर्थन जताने के लिए एक भी असली किसान नहीं मिलता.'
योगेंद्र यादव ने कहा, 'हमारी संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में सरकार के साथ हुई बैठकों का रिव्यू कर कई अहम फैसले लिए गए हैं. सरकार पहले MSP पर लिखित में देने की बात कर रही थी, लेकिन अब कमेटी बनाने की बात कर रही है. MSP नहीं मिलने की वजह से किसानों को हर साल 3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. यदि सरकार से बात नहीं बनी तो आंदोलन (Farmers Protest) के अगले चरण में NDA के चुने हुए प्रतिनिधियों का भी घेराव किया जाएगा.'
किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो 6 जनवरी को देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के उठाए मुद्दों में से केवल 5 पर्सेंट पर डिस्कसन किया है. बाकी मुद्दों पर सरकार बात ही नहीं कर रही है. ऐसे में आंदोलन (Farmers Protest) को आगे बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं है.
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किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि हम सरकार से MSP पर गांरटी का कानून चाहते है. ये हमारा अधिकार है. हम अपना अधिकार मांग रहे है. सरकार ऐसा दिखा रही है कि हम देश को लूट रहे हैं. उसकी ओर से मीडिया का सहारा लेकर हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. ये प्रदर्शन अब व्यापक तरीके से आगे बढाया जाएगा. ये अब पूरे देश का आंदोलन बनता जा रहा है.
किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते नोएडा और गाजियाबाद की तरफ से दिल्ली आने वाली ट्रैफिक के लिए चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. लोगों को दिल्ली आने के लिए वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. दिल्ली आने के लिए लोग आनंद विहार और डीएनडी जैसे रास्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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