नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest) ने गाजियाबाद और सोनीपत में हाईवे जाम कर दिया है. दोनों शहरों में ट्रैफिक पुलिस वैकल्पिक मार्गों से वाहनों को निकाल रही है.
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ पिछले 4 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे किसानों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. किसानों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए आज कई जगहों पर जाम लगाना शुरू कर दिया है.
किसानों ने गाजियाबाद में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया है. किसान नेता जगतार सिंह बाजवा की अगुवाई में किसान नेता KMP पर जुटे हुए हैं. इसकी वजह से कई किलोमीटर लंबा जाम लगना शुरू हो गया है. हालात संभालने के लिए पुलिस ने कई जगहों से ट्रैफिक को दूसरी सड़कों पर डाइवर्ट करना शुरू कर दिया है.
वहीं सोनीपत में संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर किसानों ने केएमपी और केजीपी को ट्रैक्टर लगाकर जाम कर दिया है. किसानों ने ऐलान किया है कि रविवार सुबह 8 बजे तक लगातार जाम रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जाम बढ़ाने का और कोई संदेश मिलेगा तो वे इसे और आगे भी बढ़ा सकते हैं. किसानों ने मांग की कि सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए. किसानों ने KMP टोल टैक्स बूथ को कब्जे में लेकर वहां अपनी स्टेज लगा ली है.
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उधर पलवल में भी प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest) में फूट पड़ गई है. नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने Kundali-Manesar-Palwal हाईवे को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया है. प्रदर्शनकारी किसानों की कमेटी के मेंबर राजकुमार ने कहा कि यह फसल की कटाई का सीजन है, इसलिए फिलहाल किसान इस कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकते. किसानों ने सड़कों के बजाय खेतों में काम करने का फैसला लिया है.
भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, जिसे KMP भी कहा जाता है, इसे 24 घंटे के लिए बाधित कर दिया गया है. इस दौरान इमरजेंसी वाहनों को छोड़कर बाकी किसी को वहां से गुजरने की प्रमीशन नहीं दी जाएगी. इसी बीच हरियाणा पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर लोगों से KMP मार्ग से यात्रा नहीं करने की अपील की है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने शुक्रवार को कहा कि फिलहाल सोनीपत में शांति है. किसी भी तरह की हिंसा से बचने और एक्सप्रेसव पर यातायात की आवाजाही के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों खासतौर से सोनीपत, झज्जर, पानीपत, रोहतक, पलवल, फरीदाबाद, गुड़गांव और नूह में यातायात के लिए मार्ग परिवर्तित करने की योजना है.
उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर अंबाला/चंडीगढ़ की तरफ से आने वाले यात्री करनाल से होते हुए उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और नोएडा तथा पानीपत से सिनौली की तरफ जा सकते हैं. गुड़गांव और जयपुर की तरफ जाने वाले वाहन पानीपत से राष्ट्रीय राजमार्ग-71ए पर जा सकते हैं तथा गोहना, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी से होकर यात्रा कर सकते हैं.
बताते चलें कि पिछले साल केंद्र सरकार ने 3 नए कृषि कानून पारित किए थे. इसके बाद सितंबर से इन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसानों ने दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर डेरा डाला हुआ है.
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