Features of New Parliament House: अंग्रेजों का बनाया मौजूदा संसद भवन अब इतिहास होने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इस भवन में 1280 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी.
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Cost of New Parliament House: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे. करीब 12 सौ करोड़ रुपये की लागत से बने इस नए संसद भवन का निर्माण 28 महीने में किया गया है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें इस नए संसद भवन के उदघाटन के लिए निमंत्रण सौंपा. जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.
भावी सांसदों के लिए लगाई गई एक्सट्रा सीटें
इस नए संसद भवन (New Parliament House) में लोकसभा सदस्यों के लिए 888 सीटें लगाई गई हैं, जिससे भविष्य में लोकसभा मेंबर्स की संख्या में बढ़ोतरी होने पर उन्हें आसानी से समायोजित किया जा सके. वहीं राज्यसभा के लिए 300 सीटों का इंतजाम किया गया है, जोकि वर्तमान 250 सीटों से 50 ज्यादा हैं.
28 महीने में पूरा हो गया काम
नए संसद भवन (New Parliament House) में विशाल लोकसभा चैंबर बनाया गया है, जिसमें संसद का संयुक्त सत्र आयोजित होने पर एक साथ 1280 मेंबर बैठ सकते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को इस नए संसद भवन की नींव रखी थी. इस भवन के निर्माण का टेंडर टाटा ग्रुप को दिया गया था. जिसने दी गई टाइमलाइन और क्वालिटी स्टैंडर्ड का पूरा ध्यान रखते हुए नियत समय में प्रोजेक्ट पूरा कर दिया.
मौजूदा बिल्डिंग 96 साल पुरानी
संसद की मौजूदा बिल्डिंग का निर्माण अंग्रेजों ने वर्ष 1927 में करवाया था और अब वह 96 साल पुरानी हो चुकी है. संसद के बढ़ते कार्यों को देखते हुए मौजूदा बिल्डिंग अपर्याप्त सिद्ध हो रही थी. जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा ने अलग-अलग प्रस्ताव पास करके सरकार से नया संसद भवन (New Parliament House) बनाने का आग्रह किया था.
1200 करोड़ आई लागत
नए संसद भवन (New Parliament House) के निर्माण के लिए शुरुआत में 861 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया था. लेकिन बाद में कुछ और काम जुड़ जाने की वजह से लागत बढ़कर 1200 करोड़ रुपये हो गई. अब 28 मई को इस नए संसद भवन का विधिवत उदघाटन हो जाएगा. इसके बाद संसद का सारा काम धीरे-धीरे इस नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
28 को चुनने की क्या है वजह?
संयोग से 28 मई को वीर सावरकर की 140वीं जयंती भी है. उनका जन्म 28 मई 1883 को हुआ था. ऐसे में नए संसद भवन (New Parliament House) के उद्घाटन के लिए 28 मई को ही चुनने के पीछे कई तरह के कयास लग रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि महाराष्ट्र में वीर सावरकर के लिए जबरदस्त सम्मान है. इसलिए राज्य की राजनीति में लाभ लेने के लिए जानबूझकर 28 मई को चुना गया है, वहीं कई लोग इसे महज संयोग करार दे रहे हैं.