संघीय मोर्चा सरकार के लिए कांग्रेस का समर्थन लेने को तैयार, लेकिन ड्राइवर सीट नहीं दी जाएगी: TRS
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संघीय मोर्चा सरकार के लिए कांग्रेस का समर्थन लेने को तैयार, लेकिन ड्राइवर सीट नहीं दी जाएगी: TRS

टीआरएस के प्रवक्ता आबिद रसूल खान के इस बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि उनकी पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व वाले संगठन के साथ काम करने को तैयार है.

संघीय मोर्चा सरकार के लिए कांग्रेस का समर्थन लेने को तैयार, लेकिन ड्राइवर सीट नहीं दी जाएगी: TRS

हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने मंगलवार को कहा कि इसके मुखिया एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा प्रस्तावित क्षेत्रीय दलों का संघीय मोर्चा केंद्र में सरकार बनाने के लिए तब तक कांग्रेस का समर्थन लेने को तैयार है जब तक कि वह ‘‘ड्राइवर सीट’’ (सरकार का संचालन) नहीं मांगती. राव पिछले साल से ही गैर भाजपा और गैर कांग्रेस संघीय मोर्चे के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं. लोकसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले टीआरएस के प्रवक्ता आबिद रसूल खान के इस बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि उनकी पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व वाले संगठन के साथ काम करने को तैयार है.

खान ने कहा, ‘‘केसीआर (राव इसी नाम से लोकप्रिय हैं) इस बात पर दृढ़ हैं कि ड्राइवर सीट पर संघीय मोर्चा होना चाहिए और उसी को सरकार चलानी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के लिए संख्या कम होने की स्थिति में कांग्रेस से बाहर से समर्थन लेने का विकल्प तलाशा जाएगा. खान ने कहा, ‘‘लेकिन सरकार संघीय मोर्चे की होगी और कांग्रेस को अपना समर्थन बाहर से देना होगा.

हम इस बात पर दृढ़ हैं कि ड्राइवर सीट पर क्षेत्रीय दल होने चाहिए. प्रधानमंत्री का पद संघीय मोर्चे के घटकों में से किसी एक को जाना चाहिए . प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार (संघीय मोर्चे के) घटक दलों से एक सर्वसम्मत उम्मीदवार होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनसे (कांग्रेस) बात करने और यह देखने को तैयार हैं कि वे हमें सरकार बनाने के लिए समर्थन देते हैं या नहीं .

यदि वे ऐसा करते हैं तो क्षेत्रीय दल तब तक इसके खिलाफ नहीं हैं जब तक कि वे (कांग्रेस) ड्राइवर सीट नहीं मांगते.’’ खान ने यह भी कहा कि संघीय मोर्चा किसी भी तरह भाजपा से नहीं जुड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा के खिलाफ हैं. हम भाजपा के साथ कुछ नहीं चाहते, न उसका समर्थन करना चाहते, न उससे समर्थन लेना चाहते. केसीआर से बात करने वाले ज्यादातार घटकों का भी यही मत है कि वे भाजपा के साथ कोई संबंध नहीं रखेंगे.’’ 

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