Supreme Court : 'असली' शिवसेना पाने के लिए उद्धव ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, क्या मिलेगा पुराना रुतबा?
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Supreme Court : 'असली' शिवसेना पाने के लिए उद्धव ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, क्या मिलेगा पुराना रुतबा?

Uddhav Thackeray Group in SC :  शिवसेना को लेकर जारी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है. ऐसे में अब उद्धव ठाकरे गुट ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी है. 

 

Uddhav Thackeray

Shiv Sena : असली शिवसेना को लेकर जारी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है. महाराष्ट्र स्पीकर के आदेश के खिलाफ शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. स्पीकर ने एकनाथ शिंदे समूह के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका भी खारिज कर दी थी, जिसको अब उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है.

 

जून 2022 में विभाजन के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के गुट को “वास्तविक राजनीतिक दल” घोषित किया. ऐसे में घोषित करने वाले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती देते हुए शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. 

 

विधान सभाध्यक्ष ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था. अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में 10 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिद्वंद्वी खेमों के किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया था.

 

इस फैसले ने मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे की स्थिति को और मजबूत कर दिया है.  शिंदे ने 18 महीने पहले ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था. गर्मियों में लोकसभा चुनाव और 2024 की दूसरी छमाही में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन में इस फैसले से उनकी राजनीतिक ताकत बढ़ गई है.

 

महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार समूह) भी शामिल हैं. जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो शिंदे समूह को शिवसेना के कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन प्राप्त था. 

 

असल शिवसेना को करार
विधानमंडल में बहुमत के आधार पर शिंदे ग्रुप को ही असल शिवसेना करार देना स्पीकर का फैसला गलत है. ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई उस व्यवस्था के खिलाफ है, जिसमे कोर्ट ने कहा था कि महज विधानमंडल के संख्या बल के आधार पर स्पीकर को इस नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए. स्पीकर का फैसला दलबदल कानून की भावना के खिलाफ है. साल 2003 में 91 वें संविधान संसोधन में बाद सिर्फ व्यक्तिगत ही नहीं, सामूहिक दल बदल भी असंवैधानिक है. 

 

22 जनवरी को सुनवाई होगी
शिंदे के नेतृत्व वाली सेना ने ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया है. बताया जा रहा है, कि याचिकाओं पर 22 जनवरी को सुनवाई होगी. वहीं ठाकरे गुट ने सोमवार (15 जनवरी)  को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें अध्यक्ष के आदेश को चुनौती देते हुए प्रमुख के नेतृत्व वाले सेना समूह को दोषी घोषित किया गया है.

 

 

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