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नई दिल्ली: दीवाली (Diwali ) का त्योहार जब भी आता है, तब-तब पटाखों को जलाने से लेकर उसे बेजने तक पर बहस तेज हो जाती है.वायु प्रदूषण (Air Pollution) से लोगों को होने वाली परेशानी के नाम पर इस बार भी राज्य सरकारों ने कड़े नियम लागू कर दिए हैं. कुई राज्यों ने पटाखे जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध (Firecrackers banned on Diwali 2021) लगा दिया है, जबकि कुछ राज्य सरकारों ने ग्रीन पटाखे जलाने की मंजूरी दे दी है.
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस से इतर पटाखों पर बैन को लेकर कुछ लोगों का मानना है कि हमेशा हिंदू त्योहारों को टारगेट किया जाता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना के दौर में लोग पहले से ही परेशान हैं ऐसे में पटाखें का इस्तेमाल बेकार है. ऐसे लोगों के मुताबिक एयर क्वालिटी जो सीधा इम्यूनिटी पर असर करती है. वहीं कई लोगों को सांस की भी परेशानी होती है. ऐसे में क्या है सरकारी दिशा-निर्देश आइए बताते हैं.
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दिल्ली सरकार ने राजधानी में पटाखों के चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता काफी पहले से ही खराब श्रेणी में दर्ज हो रही है. गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर को पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा था कि यह बैन लोगों की 'जिंदगी बचाने के लिये जरूरी' है. इसके बाद 28 सितंबर को, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने एक जनवरी, 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था.
पंजाब की चन्नी सरकार ने पंजाब में पटाखों के भंडारण, वितरण, बिक्री, उपयोग और निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि त्योहारों पर सरकार द्वारा ग्रीन पटाखों के उपयोग और बिक्री की अनुमति दी गई है. प्रदेश में दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक ही लोगों को पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी.
हरियाणा की खट्टर सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अंतर्गत आने वाले अपने 14 जिलों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को लेकर जारी सरकारी आदेश के मुताबिक, ‘भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.’
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वहीं जिन शहरों में पिछले साल नवंबर में वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य श्रेणी में था, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है. वहीं दीपावली और गुरु नानक जयंती पर रात आठ बजे से 10 बजे के बीच ही पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत होगी. वहीं छठ पर्व दौरान सुबह छह बजे से आठ बजे के बीच पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी.
उत्तर प्रदेश सरकार मौसम बदलने के साथ ही बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर बेहद गंभीर हो गई है. यूपी की योगी सरकार ने वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले पटाखों की बिक्री तथा उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यहां दीपावली पर इस बार उत्तर प्रदेश में केवल हरित (ग्रीन) पटाखों की बिक्री होगी. इनके अलावा अन्य पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित होगी. हाल ही में सूबे के अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन दिनों प्रदेश के 27 शहरों में वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है. इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है. अपर मुख्य सचिव, गृह का कहना है कि पटाखों की बिक्री और उपयोग को लेकर सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं. जिला स्तर पर डीएम हरित पटाखों की बिक्री व उपयोग की समय सीमा तय करेंगे.
मध्य प्रदेश सरकार ने दिवाली के लिए पटाखों को देखते हुए गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि जिन शहरों की वायु गुणवत्ता 100 से 200 के नीचे हैं, वहां दिवाली के दिन दो घंटों के लिए ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे. इसके अलावा जिन शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ज्यादा है वहां पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे. दिवाली के दिन सिर्फ ग्रीन पटाखे ही 2 घंटे के लिए फोड़े जाएंगे. वहीं क्रिसमस और न्यू ईयर के दौरान रात 11:55 से 12:30 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे.
वहीं पटाखे फोड़ने का आदेश देते हुए NGT ने कहा कि नियमों का उल्लघंन करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. अगर कोई पहली बार नियम तोड़ता है तो उसपर 100 रुपये और कोई साइलेंट जोन में पटाखा फोड़ने पर 3000 हजार रुपये का जुर्माना लिया जाएगा. इसके अलावा जन रैली, बारात, शादी या धार्मिक समारोह में 10 हजार और साइलेंट जोन में पटाखे फोड़ने पर 20 हजार जुर्माना देना होगा.
छत्तीसगढ़ में दिवाली और छठ के पहले सरकार ने जरूरी गाइडलाइंस जारी कर दी है. सरकार ने त्योहारों को आता देख छत्तीसगढ़ में पटाखे फोड़ने का समय तय कर दिया है. छत्तीसगढ़ सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार दिवाली से लेकर नए साल तक के लिए पटाखे फोड़ने का समय निर्धारित किए गए हैं. सूबे की बघेल सरकार ने ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश का कड़ाई से पालन का भी निर्देश जारी किया है. इसके अलावा किसी भी त्योहारों के लिए ऑनलाइन पटाखे नहीं लिए जा सकेंगे. सरकार ने ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लोगों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पालन करने की अपील करते हुए कहा कि काली पूजा और दीपावली के मौके पर सिर्फ हरित पटाखे ही जलाएं. ऐसे में एयर पॉल्यूशन को देखते हुए पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि दीपावली, काली पूजा और छठ पूजा पर ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. इसके लिए दो घंटे का समय तय किया गया है. दिवाली पर रात 8 से 10 बजे और छठ पूजा पर शाम 6 से 8 बजे तक ग्रीन पटाखे जला सकते हैं.
गौरतलब है कि काली पूजा और दीपावाली के अवसर पर सभी तरह के पटाखों को प्रतिबंधित करने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है. उसके दुरुपयोग को रोकने के लिए तंत्र को और मजबूत किया जाए.
असम के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आदेश जारी कर ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. यहां ग्रीन पटाखों को भी निश्चित समय तक जलाने को कहा गया है. यहां दिवाली के दिन रात 8 से 10 बजे तक और छठ पूजा दिन सुबह 6 से 8 बजे तक ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं. उधर, असम पुलिस ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की गुवाहाटी स्थित तेल शोधन इकाई और कॉर्पोरेशन के पंपिंग स्टेशन तथा पाइपलाइन के पांच सौ मीटर के दायरे में पटाखे चलाने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है.
उत्तर भारत की तरह दक्षिण भारतीय प्रदेशों में भी त्योहारों के मौके पर पटाखों पर बैन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है. वायु प्रदूषण और लोगों की सेहत का हवाला देते हुए राज्य सरकारों ने निर्देश जारी किए हैं.
तमिलनाडु की सरकार ने भी साफ किया है कि दीपावली के दिन राज्य में केवल हरित पटाखे चलाने की मंजूरी होगी और उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार पटाखे चलाने के लिए केवल दो घंटे की समय सीमा तय की. प्रदेश के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की तरफ से यहां जारी एक बयान में बताया गया, ‘दीपावली पर सुबह छह बजे से सात बजे तक और शाम सात बजे से आठ बजे तक केवल हरित पटाखे चलाए जा सकेंगे.’
वहीं कर्नाटक सरकार ने दिवाली के लिए केवल हरित पटाखों की बिक्री और जलाने की इजाजत दी है. वहीं इसी के साथ लोगों को कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने का सुझाव दिया है. कर्नाटक के मुख्य सचिव पी रवि कुमार के हस्ताक्षर के साथ जारी आदेश में कहा गया, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हरित पटाखों के अलावा किसी अन्य तरह के पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक होगी.’
महाराष्ट्र सरकार ने पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन लोगों से इस साल पटाखे जलाने से परहेज करने का अनुरोध किया है.