भारत सरकार बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को तेजी देने के मूड में है. इस कारण सरकार की तरफ से पोस्ट किए गए एक वीडियो में बुलेट ट्रेन से जुड़े प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे ने गुरुवार को अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन की आधार शिला रख दी. सरकार के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 1.08 लाख करोड़ आएगी और इस प्रोजेक्ट के 15 अगस्त 2022 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है. बुलेट ट्रेन की आधार शिला रखने के मौके पर शिंजो आबे ने हिंदी में नमस्कार के साथ भाषण की शुरुआत करते हुए भारतीयों का दिल जीत लिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी मंशा है कि जब वह अगली बार भारत आएं तो उनको बुलेट ट्रेन में बैठने का मौका मिले.
भारत सरकार बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को तेजी देने के मूड में है. इस कारण सरकार की तरफ से पोस्ट किए गए एक वीडियो में बुलेट ट्रेन से जुड़े प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. वीडियो में बताया गया है कि बुलेट ट्रेन के निर्माण में सबसे पहला काम प्रशिक्षण संस्थान खोलने का होगा. वडोदरा में खोले जाने वाले इस संस्थान में करीब चार हजार लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें यह भी बताया गया है कि जून 2018 से पुल निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. इसके ऊपर ट्रैक को बिछाया जाएगा.
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पीआईबी की तरफ से पोस्ट किए गए इस वीडियो में बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से जुड़ी कई जानकारियां दी गई हैं. इसे प्रोजेक्ट का फर्स्ट लुक कहा जा रहा है. सरकार का यह भी दावा है कि बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
बुलेट ट्रेन के फर्स्ट लुक का वीडियो देखें
How will the #BulletTrain look like? A first look... pic.twitter.com/xZVyxijWLV
— PIB India (@PIB_India) September 15, 2017
भारत में 21 किलोमीटर की सबसे लंबी टनल और 7 किलोमीटर समुद्र के नीचे से रूट रहेगा. पटरियां जमीन से 20 मीटर (करीब 70 फीट ऊपर) एलिवेटेड रहेंगी. अहमदाबाद से मुंबई की 508 किमी की रेलयात्रा में फिलहाल 7 से 8 घंटे लगते हैं. बुलेट ट्रेन चालूहोने पर 2.07 से 2.58 घंटे लगेंगे.
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दुनिया के जिन देशों में फिलहाल हाई-स्पीड ट्रेन चल रही हैं उनमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चाइना, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, ताइवान, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. पांच साल बाद भारत का नाम भी इसमें शुमार हो जाएगा. दुनियाभर में सबसे बड़े हाई-स्पीड ट्रैक वाले नेटवर्क की बात करें तो चीन सबसे आगे है.