प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन: पीएम मोदी ने विश्व में भारत का नाम किया ऊंचा- सुषमा स्वराज
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प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन: पीएम मोदी ने विश्व में भारत का नाम किया ऊंचा- सुषमा स्वराज

प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि विश्व में भारत का प्रभुत्व बढ़ रहा है. 

जब प्रधानमंत्री जी20 में हिस्सा लेने जाते हैं तब कालेधन के विषय को केंद्र में रखकर बात करते हैं.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: विश्व में भारत का प्रभुत्व बढ़ने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कालाधन, नोटबंदी, जीएसटी, आतंकवाद के खिलाफ कदम, गरीबी उन्मूलन की पहल,अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसी प्रधानमंत्री की पहल यह दर्शाती है कि हम जो कहते हैं, वह करते हैं  . 

  1. 23 देशों के भारतीय मूल के सांसद और मेयर शामिल.
  2. सुषमा स्वराज ने कहा कि विश्व में भारत का प्रभुत्व बढ़ रहा है 
  3.  भारत आज वैश्विक एजेंडा तय करने वाला देश बनकर उभरा है. 

प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि विश्व में भारत का प्रभुत्व बढ़ रहा है और इसका श्रेय किसी को जाता है, तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है. भारत आज वैश्विक एजेंडा तय करने वाला देश बनकर उभरा है. जब प्रधानमंत्री जी20 में हिस्सा लेने जाते हैं तब कालेधन के विषय को केंद्र में रखकर बात करते हैं. 

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विदेश मंत्री ने कहा कि वह इस बारे में सिर्फ कह कर नहीं आते बल्कि जब घर लौट कर आते हैं तब नोटबंदी, जीएसटी जैसी साहसिक पहल का निर्णय करते हैं और दुनिया को यह दिखाते हैं कि हम जो कहते हैं, वह करते भी है . सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री जब हैम्बर्ग जाते हैं तब आतंकवाद से कैसे लड़ा जाए, इस बारे में 11 सूत्री एजेंडा पेश करते हैं. संयुक्त राष्ट्र में जब टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) पर बोलने जाते हैं तब गरीबी उन्मूलन के विषय को सामने रखते हैं. इसके अलावा भी प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसी पहल को आगे बढ़ाने का काम किया. 

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प्रवासी भारतीय सांसदों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव पर किया गया है. इसमें हिस्सा लेने के लिये 134 प्रतिनिधि अभी मौजूद हैं. इसमें 2 सत्र हैं जिसमें एक सत्र का विषय ‘प्रवासी सांसद : संघर्ष से संसद तक का सफर और दूसरे सत्र का विषय है ‘विश्व में उभरते भारत में प्रवासी सांसद की भूमिका’ .सुषमा स्वराज ने कहा कि इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वालों में ज्यादातर गिरमिटिया देशों के सांसद है  .  ये ऐसे लोग हैं जिनके पुरखे भोजपुरी और मगधी बोलते थे और एक समझौते के तहत इन्हें ले जाया गया था.  

141 जन प्रतिनिधियों के भाग लेने का कार्यक्रम है
इन देशों से कुल 141 जन प्रतिनिधियों के भाग लेने का कार्यक्रम है. ब्रिटेन, कनाडा, फिजी, केन्या, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और अन्य देशों से 124 सांसदों के इसमें भाग लेे रहे हैं. मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन में अमेरिका, मलेशिया, स्विटजरलैंड, गुयाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो सहित अन्य देशों से 17 मेयर के भी यहां दिन भर के कार्यक्रम में शरीक होंगे. अमेरिका में अभी सीनेट का सत्र चल रहा है, ऐसे में वहां से प्रतिनिधि नहीं आ रहे हैं. श्रीलंका को छोड़कर किसी अन्य दक्षेस देश को आमंत्रण नहीं भेजा गया. सम्मेलन में दो परिचर्चा सत्र भी हैं, जिसमें प्रवासी भारतीय सांसद : संघर्ष से संसद तक की यात्रा और उभरता भारत : प्रवासी भारतीय सांसदों की भूमिका विषय शामिल हैं. सम्मेलन के एक सत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरुर भी शामिल हो रहे हैं.
इस सत्र की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति करेंगे. दूसरे सत्र में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार विशेष अतिथि होंगे, जिसकी अध्यक्षता लोकसभा के उपाध्यक्ष करेंगे. उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समापन सत्र में हिस्सा लेंगे.

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