भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं संयुक्त रूप से मालाबार नौसैनिक अभ्यास (Annual Malabar exercises) में हिस्सा ले रही हैं, इससे चीन की बेचैनी बढ़नी तय मानी जा रही है.
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कोलकाता: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच बंगाल की खाड़ी में आज (मंगलवार) से मालाबार युद्धाभ्यास शुरू होगा. पहली बार इस नौसैनिक अभ्यास (Annual Malabar exercises) में सभी क्वाड (QUAD) देश शामिल हो रहे हैं, इसमें भारत, अमेरिका और जापान के अलावा ऑस्ट्रेलिया की नौसेना भी हिस्सा लेगी. माना जा रहा है कि इससे चीन की बेचैनी बढ़नी तय है.
चीन मान रहा है गंभीर चुनौती
क्वाड देशों की नौसैनिकों की एकजुटता को चीन अपनी गंभीर चुनौती मान रहा है. चीन हमेशा से वार्षिक मालाबार नौसैनिक अभ्यास को लेकर आशंकित रहा है और उसको लगता है कि यह युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.
भारतीय नौसेना दिखाएगी अपनी ताकत
इस बार जो मालाबार युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना के आईएनएस रणविजय, आईएनएस शिवालिक, आईएनएस सुकन्या, आईएनएस शक्ति जैसे जहाज शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा पनडुब्बी आईएनएस सिंधुराज भी युद्धाभ्यास का हिस्सा होगी. बताया जा रहा है कि युद्धाभ्यास में नौसेना हॉक, पी-8I, डॉर्नियर, चीता, चेतक और ध्रुव जैसे एयरक्राफ्ट का भी प्रदर्शन कर सकती है.
1992 में हुई थी मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत
मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत साल 1992 में अमेरिकी और भारतीय नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर हुई थी. अब तक मालाबार युद्धाभ्यास का आयोजन 23 बार हो चुका है. जापान साल 2015 में इस युद्धाभ्यास का स्थायी प्रतिभागी बना. ऑस्ट्रेलिया पिछले कई सालों से इस युद्धाभ्यास में शामिल होने को लेकर रुचि दिखा रहा था. चीन के प्रति बढ़ती नकरात्मक धारणाओं और उसके साथ रिश्ते कटु होने के बाद ऑस्ट्रेलिया इस बार युद्धाभ्यास में शामिल हो रहा है.
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