Trending Photos
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) से मजबूती से निपटने के लिए आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस (AFMS) 11 महीने के लिए 400 सेवानिवृत्त मिलिट्री डॉक्टर (Military Doctors) को भर्ती करने जा रहा है. रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने 2017 से 2019 के बीच सेवामुक्त हुए इन डॉक्टरों को भर्ती करने के लिए AFMS को अनुमति भी दे दी है.
कोविड-19 से लड़ाई में रक्षा मंत्रालय के सशस्त्र बल और अन्य विंग की भूमिका खासी अहम रही है. सुरक्षा बलों ने संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कोविड अस्पताल बनाए, ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाया, चिकित्सा कर्मचारियों और ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट किया. इसके अलावा वे कोविड के कारण बिगड़े हालातों से निपटने में मदद करने के लिए राज्य सरकारों के साथ संपर्क में रहे. अब डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए भी वे मदद करने जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना के कारण COVID-19 से लड़ने देश को मिल रही दुनिया से मदद: BJP
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक इन भर्तियों को लेकर रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, 'एएफएमएस को दिए गए आदेश में कहा गया है कि इन चिकित्सकों को निश्चित मासिक एकमुश्त राशि दी जाएगी, साथ ही बेसिक पेंशन का पैसा काट लिया जाएगा. इसके अलावा विशेषज्ञता के लिहाज से वेतन दिया जाएगा. यह राशि अनुबंध की पूरी अवधि के दौरान नहीं बदलेगी और किसी अन्य भत्ते का भुगतान नहीं किया जाएगा.'
बता दें कि सशस्त्र बल कोविड -19 राहत के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए भी आने वाले कई हफ्तों और महीनों तक उनकी मदद की दरकरार रहेगी. वे सेवाएं दे रहे जवानों के साथ-साथ सेना के सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के लिए भी चिकित्सा मदद दे रहे हैं.
हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वे महामारी के बढ़ते संकट से निपटने के लिए नगरीय प्रशासनों की भी मदद करें. इसके तहत वे क्वारंटीन सुविधाओं के अलावा, कोविड हॉस्पिटल बनाने, उनका संचालन करने, आवश्यक उपकरणों की खरीदी करने जैसी मदद करेंगे.