'16 जून 2020 को कभी नहीं भूलेंगे शी जिनपिंग', पूर्व आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने बताई पूरी कहानी
Advertisement
trendingNow12015766

'16 जून 2020 को कभी नहीं भूलेंगे शी जिनपिंग', पूर्व आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने बताई पूरी कहानी

General MM Naravane Memoir 'Four Stars of Destiny': पूर्व आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ऑटोबायोग्राफी 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिग 16 जून को कभी नहीं भूलेंगे.

'16 जून 2020 को कभी नहीं भूलेंगे शी जिनपिंग', पूर्व आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने बताई पूरी कहानी

India-China Galwan Clash: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 16 जून 2020 को कभी नहीं भूलेंगे. ये बात भारत के पूर्व आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने कही है. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ऑटोबायोग्राफी 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में गलवान घाटी में हुई झड़प की पूरी कहानी बताई है. उन्होंने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने चीन पर पलटवार करते हुए उसे दिखा दिया कि ‘बस! बहुत हो चुका.' इसके साथ ही उन्होंने जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 सैनिकों के जान गंवाने को याद करते हुए कहा कि यह मेरे पूरे करियर के सबसे दुखद दिनों में से एक था. उन्होंने कहा कि भारत ने पलटवार करके यह दिखाया कि वह पड़ोसी की धौंस का जवाब दे सकता है.

16 जून को कभी नहीं भूलेंगे शी जिनपिंग: पूर्व आर्मी चीफ

एमएम नरवणे ने ऑटोबायोग्राफी 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में गलवान घाटी में हुई घातक झड़पों के बारे में कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिग 16 जून को कभी नहीं भूलेंगे, क्योंकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को दो दशक से अधिक समय बाद पहली बार 'घातक पटलवार' का सामना करना पड़ा था. बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

उकसावे वाली रणनीति अपनाता रहा है चीन: जनरल एमएम नरवणे

भारतीय सेना के पूर्व चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि चीन छोटे पड़ोसियों को डराने-धमकाने के लिए 'आक्रामक कूटनीति' और 'उकसावे' वाली रणनीति अपनाता रहा है. यही वजह थी कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने पलटवार करते हुए उसे दिखा दिया कि बस! बहुत हो चुका. नरवणे ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा, '16 जून चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का जन्मदिन है. यह ऐसा दिन नहीं है, जिसे वह जल्द ही भूल जाएंगे. दो दशक में पहली बार, चीन और पीएलए को घातक पलटवार का सामना करना पड़ा था. वे आक्रामक कूटनीति और उकसाने वाली रणनीति का हर जगह बेधड़क इस्तेमाल करके नेपाल और भूटान जैसे छोटे पड़ोसियों को डराते रहे हैं. इस घटना के दौरान भारत और भारतीय सेना ने दुनिया को दिखाया कि अब बहुत हो चुका.

31 दिसंबर 2019 से 30 अप्रैल 2022 तक रहे आर्मी चीफ

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 31 दिसंबर 2019 से 30 अप्रैल 2022 तक सेना प्रमुख रहे. एमएम नरवणे के कार्यकाल का अधिकतर समय विवादित सीमा पर चीन से उत्पन्न चुनौतियों पर केंद्रित रहा. इसके अलावा उनके कार्यकाल में भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक सुधार उपाय भी लागू किए गए. अब जनरल एमएम नरवणे ने अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी है, जिसे 'पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया' ने प्रकाशित किया है और यह अगले महीने बाजार में आएगी.

पद से ज्यादा सम्मान मायने रखता है: जनरल एमएम नरवणे

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी किताब में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त नहीं किए जाने का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा, 'जब मुझे सेना प्रमुख बनाया गया था, तब भी मैंने सरकार की समझ पर सवाल नहीं उठाया था. तो इस मामले में ऐसा क्यों करता?' उन्होंने कहा, 'कभी-कभी मुझसे पूछा जाता है कि मुझे सीडीएस क्यों नहीं बनाया गया. मेरी प्रतिक्रिया हमेशा यही रही है कि जब मुझे सेना प्रमुख बनाया था तब भी मैंने सरकार की समझ पर सवाल नहीं उठाया था, तो अब क्यों उठाता?' किताब के लास्ट चैप्टर 'ओल्ड सोल्जर्स नेवर डाई' के अंत में उन्होंने कहा है, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पद से रिटायर हुए, बल्कि यह मायने रखता है कि आप किस सम्मान के साथ रिटायर हुए.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news