प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बेंगलुरु (Bangalore) में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने स्टूडेंट्स से फीस के पैसे वसूल लिए लेकिन सरकार को इसका ब्योरा नहीं दिया.
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बेंगलुरु: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बेंगलुरु (Bangalore) में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उन्होंने फीस के रूप में जमा होने वाली 107 करोड़ रुपये की धनराशि को हथियाने के लिए 4500 स्टूडेंट्स को धोखा दिया.
ED ने बयान जारी करके बताया कि उसने बेंगलुरु (Bangalore) की एलायंस यूनिवर्सिटी (Alliance University) के पूर्व चांसलर मधुकर जी. अंगुर को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद चांसलर को लोकल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 7 दिनों के लिए जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया.
एजेंसी ने आरोप लगया कि चांसलर मधुकर जी. अंगुर और अन्य लोगों ने छात्रों के पैरंट्स को ई-मेल और नोटिस भेजकर उन्हें यूनिवर्सिटी के आधिकारिक खातों में फीस शुल्क जमा नहीं करने की सूचना दी. उन्हें कहा गया कि वे अपने बच्चों की फीस अवैध रूप से खोले गए बैंक खातों और श्रीवारी एजुकेशनल सर्विसेज के नाम पर जमा कर कर दें.
ED के मुताबिक पूर्व चांसलर और उनके लोगों ने ऐसा करके करीब 4,500 स्टूडेंट्स के पैरंट्स को अवैध रूप से खोले गए बैंक खातों में फीस जमा करने के लिए राजी किया गया. इस प्रकार उनसे 107 करोड़ रुपये की राशि ट्यूशन फीस, छात्रावास शुल्क और अन्य मदों के नाम पर ले ली गई. अवैध खातों में जमा कराई गई इस फीस का कहीं ब्योरा नहीं दर्शाया गया और उसे ब्लैक मनी के रूप में खपा लिया गया.
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ईडी ने कहा कि पूर्व चांसलर और उसके आदमियों ने ये करतूत वर्ष 2016-17 में की थी. उसके बाद शिकायत मिलने पर ईडी ने जांच शुरू की और पिछले साल सितंबर में अंगुर और उनके परिवार के सदस्यों प्रियंका एम अंगुर, रवि कुमार के, श्रुति और पवन डिब्बर के ठिकानो पर छापे मारे. इस दौरान करीब 19 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की गईं.
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