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देहरादून: उत्तराखंड में होने वाले विधान सभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) से पहले लगातार बगावती तेवर सामने आ रहे हैं. उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyay) को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के लिए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
कांग्रेस पार्टी से निकाले जाने के बाद किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyay) आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम सकते हैं. बता दें कि बीजेपी से उनकी नजदीकियों की खबरों के बीच कांग्रेस ने पहले किशोर उपाध्याय पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था.
उत्तराखंड कांग्रेस के भीतर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और इस वजह से पार्टी को कई उम्मीदवारों की सीट तक बदलनी पड़ी है, जिनमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) का भी नाम शामिल है. कांग्रेस ने बुधवार को 10 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की, जिसमें हरीश रावत का विधान सभा क्षेत्र बदल दिया गया. हरीश रावत को पहले नैनीताल जिले की रामनगर विधान सभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था. अब वह नैनीताल जिले की ही लाल कुआं सीट से चुनाव लड़ेंगे. पहले इस सीट पर संध्या डालाकोटी को टिकट मिला था.
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत (Ranjeet Rawat) ने रामनगर से हरीश रावत (Harish Rawat) की उम्मीदवारी का विरोध किया था. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने दूसरी सीट से लड़ने का फैसला किया. सूत्रों का कहना है कि रंजीत रावत (Ranjeet Rawat) रामनगर सीट पर लंबे समय से तैयारी कर रहे थे और अपनी दावेदारी कर रहे थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने रंजीत रावत को भी रामनगर से टिकट नहीं दिया है, बल्कि उन्हे सल्ट विधान सभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है.
बता दें कि निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने उत्तराखंड में विधान सभा (Uttarakhand Assembly Election) की सभी 70 सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को मतदान कराने का ऐलान किया है. वहीं वोटों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी.
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