D Subba Rao Statement on Freebies: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रहे डी. सुब्बा राव (D Subba Rao) भी अब रेवड़ी कल्चर पर चल रही बहस में कूद गए हैं. उन्होंने मुफ्त योजनाओं पर अहम बात कही है.
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D Subba Rao Statement on Freebies: देश में 'रेवड़ी कल्चर' और मुफ्त सुविधाओं को लेकर जारी बहस में अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बा राव (D Subba Rao) भी कूद गए हैं. उन्होंने लोगों को मुफ्त सुविधा देने के मुद्दे पर चल रही राजनीतिक बहस का स्वागत करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए अच्छा बताया है. वे सोमवार को FTCCI में आयोजित भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. कार्यक्रम का विषय 'भारत एट द रेट ऑफ 75 - मा्र्चिंग टुवर्डस 5 ट्रिलियन इकोनॉमी' रखा गया था.
'रेवड़ी कल्चर के लिए हमारे पास एक्स्ट्रा बजट नहीं'
देश में चुनाव जीतने के लिए बढ़ रहे रेवड़ी कल्चर पर डी. सुब्बा राव (D Subba Rao) ने कहा, 'अच्छा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सब्सिडी पर बहस शुरू की है. राज्यों और केंद्र सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि हमारे पास एक्सट्रा बजट नहीं है, जो इस तरह की गतिविधियों पर खर्च किया जा सके. इसलिए निश्चित रूप से कुछ सेफ्टी नेट की आवश्यकता है. इस पर हमें सतर्क और चयनात्मक रहना होगा. जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियों पर अनावश्यक कर्ज का बोझ न पड़े.'
'वर्ष 2029 तक हो तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था'
आरबीआई के पूर्व प्रमुख रहे डी. सुब्बा राव (D Subba Rao) ने कहा, 'भारत वर्ष 2028-29 तक 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था (5 Trillion Dollar Economy) के रूप में उभर सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि हम उससे पहले ही यह उपलब्धि हासिल कर लें. इसके लिए हमें अगले 5 वर्षों तक लगातार 9 प्रतिशत की वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर बनाए रखने की जरूरत होगी.'
'हमें 8 चुनौतियों को पार करना होगा'
डी. सुब्बा राव (D Subba Rao) ने कहा, 'जब हम देश को 5 ट्रिलियन डॉलर (5 Trillion Dollar Economy) की अर्थव्यवस्था बनाने की बात करते हैं तो हमें उन 8 चुनौतियों को पार करने की भी रणनीति बनानी होगी, जो इस दौरान हमारे सामने आ सकती हैं. इनमें निवेश बढ़ाना, उत्पादकता में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार, रोजगार सृजित करना, कृषि उत्पादकता बढ़ाना, व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना, वैश्विक मेगा रुझानों का प्रबंधन और शासन में सुधार शामिल हैं.'
'अभी भी 200 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे'
उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 75 वर्षों में जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति की है. इसके बावजूद 200 मिलियन भारतीय अभी भी गरीबी रेखा के नीचे हैं, जो एक बड़ी चिंता का विषय है. हम सबको मिलकर अर्थव्यवस्था को इस तरीके से गति देनी होगी कि हमारे देश में कोई भी गरीब न रहे. उन्होंने आजादी के 75 साल पूरे होने पर औद्योगिक विकास रणनीति पर एक पुस्तिका भी जारी की.
(एजेंसी इनपुट IANS)
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