ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव (GHMC Election) में BJP ने 12 गुना लंबी जीत हासिल की है. इस चुनाव में बीजेपी (BJP) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. इसका परिणाम भी नतीजों में देखने को मिला जहां 2016 में बीजेपी ने महज 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2020 में बीजेपी की सीटें 4 से बढ़कर सीधे 48 पर पहुंच गई हैं.
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नई दिल्लीः 'भाग्यनगर' का भाग्योदय प्रारंभ हो रहा है. ये बात उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ट्विटर पर तब कही, जब हैदराबाद (Hyderabad) की चुनावी ज़मीन पर बीजेपी (BJP) के पैर अचानक इतनी मज़बूती से जमे कि 2016 में महज़ 4 सीट जीतने वाली बीजेपी, 2020 में 48 सीटों पर विजयी हुई.
ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 12 गुना लंबी जीत हासिल की है. इस चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. इसका परिणाम भी नतीजों में देखने को मिला जहां 2016 में बीजेपी ने महज 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2020 में बीजेपी की सीटें 4 से बढ़कर सीधे 48 पर पहुंच गई हैं.
हैदराबाद निगम चुनाव के नतीजों की बात करें तो सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी TRS 2016 में जीती 99 सीटों से खिसककर इस साल 55 सीटों पर सिमट गई है. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM 44 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही जबकि BJP ने 48 सीटों पर जीत दर्ज करके लंबी छलांग लगाई. इन सबके इतर कांग्रेस (Congress) को महज दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा है.
हैदराबाद में स्थानीय चुनावों के लिए बीजेपी के प्रभारी नियुक्त किए गए भूपेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव परिणाम बीजेपी (BJP) का मनोबल बढ़ाने वाले हैं. चुनाव परिणाम से ये प्रदर्शित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का नेतृत्व और सुशासन के मॉडल की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता है.
क्या रहा अलग-अलग पार्टियों का स्ट्राइक रेट
हैदराबाद चुनाव के नतीजों के मुताबिक, हम आपको स्ट्राइक रेट भी समझा देते हैं.
-टीआरएस ने 150 सीटों पर चुनाव लड़ा. जिसमें से वो 55 सीटों पर जीती है. टीआरएस का स्ट्राइक रेट 36.66 प्रतिशत है.
-बीजेपी 149 सीटों पर चुनाव लड़ी और 48 सीटों पर जीत गई. बीजेपी का स्ट्राइक रेट 32.21 प्रतिशत है.
-ओवैसी की पार्टी AIMIM 51 सीटों पर चुनाव लड़ी. जिसमें से 44 सीटों पर जीत गई. यानी AIMIM का स्ट्राइक रेट सबसे ज़्यादा 86.21 प्रतिशत है.
- सबसे खराब प्रदर्शन कांग्रेस का है. कांग्रेस 146 सीटों पर चुनाव लड़ी, जिसमें से सिर्फ 2 सीटों पर वो जीत सकी. यानी कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सबसे कम केवल 1.36 प्रतिशत है.
बीजेपी की इतनी बड़ी जीत के पीछे वजह
सवाल ये है कि बीजेपी की इतनी बड़ी जीत के पीछे 4 कारण क्या हैं?
- तो पहली वजह है टीआरएस (TRS) सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर.
-पार्टी में परिवारवाद भी एक वजह है क्योंकि, टीआरएस पार्टी में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekhar Rao) के बाद उनके बेटे केटीआर और बेटी के कविता ही सबसे ऊंचे पदों पर हैं. सीएम के भतीजे हरीश राव ही वित्त मंत्री भी हैं और उनके दूसरे भतीजे राज्य सभा के सांसद हैं.
- तीसरी वजह है, बीजेपी की संगठनात्मक ताकत का बढ़ना. यूपी के सीएम योगी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेता हैदराबाद के चुनाव प्रचार के लिए गए थे.
-बाढ़ के हालात को संभालने में टीआरएस की विफलता, जिसका फायदा बीजेपी को मिला.
हालांकि एआईएमाईएम के पुराने किलों पर असदुद्दीन ओवैसी की पकड़ मज़बूत रही. वरना बाजेपी को और ज़्यादा सीटें भी मिल सकती थीं.
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48 सीटों पर जीतने का मतलब
हैदराबाद में बीजेपी के 48 सीटों पर जीतने का मतलब क्या है. आप ये भी समझिए.
-GHMC चुनाव में बीजेपी का शानदार प्रदर्शन रहा. ओवैसी के गढ़ में बीजेपी की बड़ी जीत अपने आप में बड़ी बात है. बीजेपी के सामने ओवैसी का मुस्लिम कार्ड फेल हो गया.
-हैदराबाद का फैसला बंगाल तक जा सकता है.
-बीजेपी ने बता दिया कि असंभव कुछ भी नहीं.
-हैदराबाद में मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति फेल हुई.
-बीजेपी कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद हो चुका है.
बता दें कि 1 दिसंबर को ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव की 150 सीटों पर चुनाव हुए थे. इनमें से 149 के नतीजे जारी हो चुके हैं. एक नेरेडमेट वॉर्ड की मतगणना पर हाई कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है.