Cloud Seeding in Delhi: दिल्ली में विकराल होते प्रदूषण ने लोगों का दम घोंटना शुरू कर दिया है लेकिन प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों अब तक चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं. अब कृत्रिम बारिश को लेकर गोपाल राय ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
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Pollution Control Measures in Delhi: सर्दियों के आगमन के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने आसमान को ढंकना शुरू कर दिया है. पिछले 3 दिन में ही एयर क्वालिटी इंडेक्स 310 यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुका है. बीजेपी जहां इस मुद्दे पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को घेर रही है, वहीं AAP को कुछ सूझ नहीं रहा है. अब हालात पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने शहर में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश का प्लान बनाया है. इसके लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
हमारे पहले के 2 पत्रों को इग्नोर किया गया- गोपाल राय
अपने पत्र में गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग बुलानी चाहिए, जिससे नई तकनीकों का इस्तेमाल कर इस समस्या से निजात पाई जा सके. राय ने कहा कि उन्होंने 30 अगस्त और उसके बाद 10 अक्टूबर को भी इस संबंध में केंद्र सरकार को अनुरोध पत्र भेजे थे लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया, जिसके चलते वक्त रहते प्रदूषण से निपटने के उपायों पर काम शुरू नहीं हो पाया.
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेन्द्र यादव को लिखे पत्र में गोपाल राय ने कहा, 'दिल्ली सरकार ने इस मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने के आपातकालीन उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग की संभावनाएं तलाशी थीं. लेकिन बाद में नोटिस किया कि इस काम के लिए बहुत सारी केंद्रीय एजेंसियों की एनओसी की जरूरत है.
'स्टेकहोल्डर्स के साथ जल्द बुलाई जाए बैठक'
गोपाल राय ने पत्र में आगे लिखा, 'हमारा मानना है कि नवंबर में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता गंभीर रुप से खराब श्रेणी में पहुंच जाती है. इसे देखते हुए मेरा मानना है कि शहर के ऊपर क्लाउड सीडिंग करवाने की संभावनाओं पर विचार किया जाए. लिहाजा मैं आपसे एक बार फिर आग्रह करता हूं कि सभी संबद्ध स्टेकहोल्डर्स के साथ इस संबंध में जल्द मीटिंग बुलाने का इंतजाम किया जाए.'
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्र में लिखा कि इस बैठक का फोकस प्रदूषण से निपटने के आपातकालीन उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग के लिए समन्वित प्रयास करने और बाद में इसके प्रभावों का आकलन करना हो. जिससे भविष्य में ऐसे हालात बनें तो फिर से क्लाउड सीडिंग पर सोचा जा सके.
क्यों अटका हुआ है मामला?
जानकारों के अनुसार, अपने पत्र में गोपाल राय ने जिन स्टेकहोल्डर्स की मीटिंग बुलाने का अनुरोध किया है, उनमें पर्यावरण मंत्रालय के अलावा, दिल्ली सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारत मौसम विज्ञान विभाग और नागरिक उड्डयन ब्यूरो शामिल हैं. यानी कि जब तक ये सभी विभाग क्लाउड सीडिंग पर सहमत नहीं होते हैं, तब तक ये उपाय आजमाया नहीं जा सकता है.
बताते चलें कि दिल्ली में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 327 दर्ज किया गया. इसके साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता "बहुत खराब" श्रेणी में पहुंच गई है. AQI खराब होने के बाद, शहर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरा चरण लागू कर दिया गया है. इस चरण में कई तरह की बंदिशें लागू हो जाती हैं.