RSS Government Official: अब संघ के कार्यक्रम में जा सकेंगे सरकारी कर्मचारी! वो 'बैन' हटने से भड़की कांग्रेस
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RSS Government Official: अब संघ के कार्यक्रम में जा सकेंगे सरकारी कर्मचारी! वो 'बैन' हटने से भड़की कांग्रेस

Government Servants in RSS Activities: तो क्या अब सरकारी कर्मचारी या अधिकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों और गतिविधियों में बेहिचक जा सकते हैं. दरअसल, कांग्रेस ने एक लेटर के हवाले से दावा किया है कि सरकार ने इस बाबत एक पुराना बैन हटा लिया है. 

RSS Government Official: अब संघ के कार्यक्रम में जा सकेंगे सरकारी कर्मचारी! वो 'बैन' हटने से भड़की कांग्रेस

Rashtriya Swayamsevak Sangh: कांग्रेस पार्टी ने पिछले सप्ताह जारी एक आधिकारिक आदेश का हवाला देते हुए दावा किया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है. संघ ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जरूर आदेश का स्क्रीनशॉट शेयर किया है. उन्होंने कहा कि 58 साल पहले जारी एक ‘असंवैधानिक’ निर्देश को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वापस ले लिया है. इस फैसले के बाद अब सरकारी कर्मचारी RSS के कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने करीब 6 दशक पुराना प्रतिबंध हटा लिया है. 

9 जुलाई को आया आदेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 9 जुलाई को जारी एक आदेश साझा किया, जो RSS की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है. इस आदेश में कहा गया है, ‘उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए.’ 

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आदेश की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में रमेश ने कहा, ‘फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया.’ 

संघ ने किया स्वागत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक बयान में कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था. शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है.

1966 से था प्रतिबंध

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘1966 में आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था. यह 1966 में प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है.’ 

'निक्कर में भी आ सकते हैं नौकरशाह'

रमेश ने कहा, ‘चार जून 2024 के बाद स्वयंभू नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है. नौ जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था.’ रमेश ने कहा, ‘मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.’ 

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कांग्रेस नेता ने यह बात आरएसएस की खाकी निक्कर वाली पोशाक की ओर इशारा करते हुए कही, जिसे 2016 में भूरे रंग की पतलून से बदल दिया गया. 

9 जुलाई के आदेश को टैग करते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, ‘58 साल पहले 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश मोदी सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है. इस आदेश में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था.’ भाजपा नेता ने कहा कि मूल आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था. (भाषा इनपुट के साथ)

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