Corona Vaccine: सरकारी अस्पताल में लंबी कतार, निजी सेंटर्स में धीमी रफ्तार; क्या हो सकता है ये फैसला
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Corona Vaccine: सरकारी अस्पताल में लंबी कतार, निजी सेंटर्स में धीमी रफ्तार; क्या हो सकता है ये फैसला

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandavia) ने कहा कि सरकार ने कोराना वैक्सीन (Corona Vaccine) निर्माता कंपनियों से कहा है कि वो प्राइवेट सेंटर्स और अस्पतालों को उतने ही टीके दें, जितने की आपूर्ति के लिए कहा गया हो. निजी सेक्टर के नाम पर 25% कोटा रखने की जरूरत नहीं है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: प्राइवेट सेंटर्स में कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) की सुस्त रफ्तार को देखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही प्राइवेट अस्पतालों के लिए तय 25% कोटे को घटा सकती है. सरकार इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है. इसी सिलसिले में अब प्राइवेट अस्पतालों द्वारा उपयोग नहीं की गई वैक्सीन की सात से नौ फीसदी डोज का इस्तेमाल सरकारी टीकाकरण केंद्रों में शुरू हो गया है.

  1. निजी अस्पतालों के आरक्षित कोटे का क्या होगा?
  2. अभी 25 फीसदी स्वदेशी वैक्सीन प्राइवेट सेंटर्स को
  3. प्राइवेट केद्रों में सुस्त पड़ी है टीकाकरण की रफ्तार

'स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी'

सरकार ने देश के टीकाकरण अभियान के बारे में चर्चा करते हुए इस फैसले की जानकारी दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में इस फैसले के अमल में होने की बात कही थी. यह फैसला पिछले 90 दिनों में निजी केंद्रो पर वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को ध्यान में रखते हुए लिया जा सकता है. 
दरअसल पिछले कुछ समय से निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन कोटा घटाने की मांग हो रही है. 

उपलब्धता पर उठ रहे थे सवाल

गौरतलब है कि गैर बीजेपी शाषित राज्यों की ओर से लंबे समय से वैक्सीन की कमी होने की बात कही जा रही थी. खुद बीजेपी के सांसद सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन का कोटा घटाने को लेकर सरकार से सवाल किया था. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया कि ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार पहले ही निजी अस्पतालों द्वारा इस्तेमाल नहीं की गई वैक्सीन का सरकारी केंद्रों पर उपयोग कर रही है.

दरअसल देश में बनी 75% कोरोना वैक्सीन केंद्र सरकार खरीदती है, तो वहीं 25 फीसदी टीके प्राइवेट सेक्टर के लिए आवंटित किये गए थे.

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वैक्सीन उत्पादक कंपनियों के लिए आने वाले समय में निजी अस्पतालों के लिए 25 फीसदी टीके रिजर्व रखने की बाध्यता को खत्म किया जा सकता है. इसका मतलब ये कि निजी क्षेत्र को टीके की आपूर्ति मांग के आधार पर होगी और बाकी का इस्तेमाल मुफ्त टीकाकरण अभियान (Free Vaccination Drive) में होगा.

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