‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार ने बदली MSME की परिभाषा, उद्योगों को इस तरह मिलेगा लाभ
Advertisement
trendingNow1680735

‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार ने बदली MSME की परिभाषा, उद्योगों को इस तरह मिलेगा लाभ

‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत मोदी सरकार ने कुटीर, सूक्ष्म, मध्यम-लघु (MSME) उद्योगों को बड़ी राहत प्रदान की है. प्रधानमंत्री ने आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद बुधवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत मोदी सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (MSME) उद्योगों को बड़ी राहत प्रदान की है. प्रधानमंत्री ने आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद बुधवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आर्थिक पैकेज से 45 लाख MSME यूनिट को लाभ होगा. उन्हें 3 लाख करोड़ के लोन का प्रावधान किया गया है. खासबात यह है कि इस लोन के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं देनी होगी. यह लोन MSME  को चार साल के लिए दिया जाएगा और उन्हें पहले वर्ष मूलधन नहीं चुकाना होगा.  

वित्तमंत्री ने बताया कि लोन लेने वाले को एक साल तक ईएमआई से राहत प्रदान की जाएगी. फण्ड ऑफ़ फंड्स के जरिये 50,000 करोड़ का इक्विटी इन्फुजन किया जाएगा. इसके अलावा, संकट में फंसे 2 लाख MSME को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपए का प्रावधान होगा. वित्तमंत्री ने आगे कहा कि नए प्रावधानों के चलते MSME के लिए बाजार तक पहुँच बनाना आसान होगा. हमारा प्रयास MSME को ई-मार्किट से जोड़ना है, जिससे उनके लिए व्यवसाय करना ज्यादा सरल होगा और आत्मनिर्भर भारत का सपना मेक इन इंडिया से पूरा किया जाएगा.   

बदलेगी MSME की परिभाषा
सरकार MSME की परिभाषा में बदलाव करने जा रही है. वित्तमंत्री ने बताया कि यह बदलाव MSME के हित के लिए किया जाएगा. नई परिभाषा के तहत निवेश और सालाना टर्नओवर के नियम या गणित बदले जाएंगे. वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को MSME के दायरे में ही रखा जाएगा. पहले सिर्फ निवेश के आधार पर तय किया जाता था, लेकिन अब टर्न ओवर के आधार पर भी MSME की परिभाषा तय होगी. उदाहरण के तौर पर 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ के टर्नओवर वाले इंटरप्राइज को स्मॉल यूनिट माना जाएगा. जबकि 30 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ टर्नओवर वालों को मीडियम इंटरप्राइज माना जाएगा. 

200 करोड़ तक के टेंडर नहीं होंगे ग्लोबल
वित्तमंत्री ने बताया कि नई व्यवस्थाओं के तहत 200 करोड़ तक के सरकारी कार्यों के सभी टेंडर ग्लोबल नहीं होंगे. ये टेंडर देसी कंपनियों को दिए जाएंगे, ताकि मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत के अभियान को आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार MSME के बाकी पेमेंट को 45 दिनों के अन्दर करेगी, ताकि उन्हें परेशानी न उठानी पड़े. 
 

 

Trending news