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Gujarat Morbi Bridge Collapse: मोरबी पुल हादसे की न्यायिक जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है. सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को इस अर्जी पर सुनवाई करेगा. वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर अर्जी में मांग की गई है कि हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाए.
मोरबी हादसा लापरवाही का नतीजा
आज विशाल तिवारी ने चीफ जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने यह मामला रखा और जल्द सुनवाई की मांग की. इस पर चीफ जस्टिस ने 14 नवंबर को सुनवाई की बात कही. विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मोरबी में हुआ पुल हादसा सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है.
फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना खुला पुल
इस पुल को मरम्मत के बाद जोखिम को नजरअंदाज करते हुए 26 अक्टूबर को लोगों के लिए खोल दिया गया. प्राइवेट ऑपरेटर ने फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल किए बिना इस पुल को खोल दिया.याचिका के मुताबिक जिस वक़्त ये हादसा हुआ, उस वक्त इस पुल की सामर्थ्य से कहीं ज़्यादा 500 से ज़्यादा लोग पुल पर मौजूद थे.
सभी राज्यों से कमेटी के गठन की मांग
पिछले सालों में ऐसे कई वाकये सामने आये है जहां लापरवाही के चलते बड़ी तादाद में लोगों की जान गई है. याचिका में केंद्र सरकार के साथ साथ सभी राज्यों को भी पक्षकार बनाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट सभी राज्यों को निर्देश दे कि वो अपने यहां कमेटी का गठन करें जो पुराने स्मारकों/ पुलों के जोखिम का आकलन करे ताकि समय रहते उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इसके अलावा हर राज्य में एक विशेष विभाग का गठन हो जो इस तरह के हादसों की तेजी से जांच करे, साथ ही सार्वजनिक इस्तेमाल की ऐसी इमारतों के निर्माण में बेहतरीन क़्वालिटी सुनिश्चित कर सके.
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