Morbi Bridge Collapse: नदी का नजारा देख रहे लड़के ने परिवार को डूबते देखा, सांसद ने खोए 12 रिश्तेदार
Advertisement
trendingNow11419367

Morbi Bridge Collapse: नदी का नजारा देख रहे लड़के ने परिवार को डूबते देखा, सांसद ने खोए 12 रिश्तेदार

Gujarat Morbi Bridge: राजकोट से लोकसभा सदस्य मोहन कुंदरिया ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि मोरबी कस्बे में पुल गिरने से उनके 12 रिश्तेदारों की मौत हो गई.

फाइल फोटो

Gujarat bridge collapse: दिवाली की छुट्टियों का लुत्फ़ उठाने 10 वर्षीय शिवम अपने परिवार के साथ मोरबी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल 'झूलता पुल' यानी 'केबल पुल' पहुंचा था और रोमांच को महसूस भी कर रहा था लेकिन कुछ ही घंटों बाद वह राजकोट में अपने माता-पिता और भाई के शवों के साथ लौटा. हादसे में जान गंवाने वाले 134 लोगों में शिवम के परिजन भी शामिल थे. शिवम ने हाथ से पुल के एक तार को पकड़ लिया था जिससे उसकी जिंदगी बच गई लेकिन उसके माता-पिता और बड़े भाई की किस्मत ने साथ नहीं दिया. 

अमीना बानो के 12 रिश्तेदारों की मौत

पुल पर घूमने आईं अमीना बानो के लिये भी यह मंजर ताउम्र भूल पाना शायद मुमकिन न हो. वह अपने 36 रिश्तेदारों के साथ पुल पर घूमने आई थीं लेकिन इस हादसे ने उनमें से छह की जान ले ली. राजकोट से लोकसभा सदस्य मोहन कुंदरिया ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि मोरबी कस्बे में पुल गिरने से उनके 12 रिश्तेदारों की मौत हो गई. इस हादसे में बचे कई लोगों ने अपने परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को खोया है. बानो ने कहा कि मैं अपने बच्चों समेत परिवार के 36 लोगों के साथ पुल पर गयी थी. इस घटना में मेरे चचेरे भाई और उसके बच्चों सहित मेरे परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई. भयावह घटना को याद करते हुए बानो ने कहा कि शुरुआत में कोई भी मदद के लिए नहीं आया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया.  बानो ने पूछा कि उन्होंने प्रति व्यक्ति 17 रुपये टिकट शुल्क के तौर पर लिए, कंपनी ने पुल पर इतने लोगों को आने की इजाजत क्यों दी? कंपनी ने कहा कि उसने पुल के नवीकरण पर दो करोड़ रुपये खर्च किए हैं क्या लोगों की जान की कीमत 17 रुपये है?

राजकोट के शिवम ने खो दिया अपना परिवार

राजकोट का रहने वाला शिवम मोरबी में अपने नाना-नानी के घर आया था. रविवार शाम को जब लोगों से भरे पुल पर हादसा हुआ उस वक्त वह, उसके माता-पिता और भाई भी पुल पर मौजूद थे. उसने संवाददाताओं को बताया कि पुल जब अचानक गिरा तो वहां काफी भीड़ थी. मैं बच गया क्योंकि मैंने एक लटकते हुए तार को पकड़ लिया और धीरे-धीरे ऊपर चढ़ गया लेकिन मेरे भाई, पिता और मां अब भी लापता हैं. हादसे के बाद में राजकोट से उसके रिश्तेदार मोरबी पहुंचे और शिवम के परिवार के सदस्यों के शवों को तलाशा जिन्हें नदी से बाहर निकाला गया था. शवों को राजकोट ले जाया गया और शिवम उनके साथ गया.

पुल पर थे करीब 300  लोग- मेहुल रावल

सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में कुछ युवाओं को पुल के गिरने से कुछ मिनट पहले अन्य पर्यटकों को डराने के लिए पुल के तारों को लात मारते और हिलाते हुए देखा गया था. पुल हादसे में बचे लोगों में से एक मेहुल रावल ने कहा कि जिस वक्त पुल के तार टूटे और वह नदी में गिरा उस वक्त उस पर कम से कम 300 लोग थे. मोरबी के सरकारी अस्पताल में रावल ने संवाददाताओं से कहा कि जब हम पुल पर थे तभी वह टूट गया. सभी लोग नदी में गिर गए. पुल ढहने की मुख्य वजह वहां ज्यादा भीड़ का होना था. मोहन कुंदरिया ने कहा कि इस हादसे में उनके 12 रिश्तेदारों की मौत हो गई. कुंदरिया ने कहा कि वे रविवार को पिकनिक स्थल पर आए थे लेकिन हादसे में मारे गए.

पीड़ितों में ज्यादातर बच्चे

मोरबी के एक अन्य निवासी ने भी कहा कि हादसे के समय पुल पर कम से कम 300 लोग थे. उसने कहा कि यह पुल मरम्मत के बाद कुछ ही दिनों पहले आम लोगों के लिये खोला गया था. उन्होंने कहा कि पीड़ितों में ज्यादातर बच्चे थे जो दिवाली की छुट्टी का आनंद ले रहे थे. घटना के फौरन बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और कई लोगों को जिंदा नदी से बाहर निकाला.

(इनपुट: प्रशांत ठाकोर)

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news