हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने गुड़गांव जिले का नाम बदलकर 'गुरुग्राम' कर दिया है। इस नए नामकरण के लिए खट्टर सरकार ने महाभारत का संदर्भ दिया है। खट्टर सरकार ने मंगलवार को नामकरण करने का फैसला लिया। इलाके के लोग लंबे समय से गुड़गांव का नाम बदलकर 'गुरुग्राम' रखने की मांग कर रहे थे।
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चंडीगढ़ : हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने गुड़गांव जिले का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया है। इस नए नामकरण के लिए खट्टर सरकार ने महाभारत का संदर्भ दिया है। खट्टर सरकार ने मंगलवार को नामकरण करने का फैसला लिया। इलाके के लोग लंबे समय से गुड़गांव जिले का नाम बदलकर गुरुग्राम रखने की मांग कर रहे थे।
इस बारे में किंवदंती है कि गुड़गांव का नाम गुर द्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है। वह कौरवों और पांडवों के गुरु थे।
यह गांव उनके छात्रों--पांडवों ने उन्हें गुरदक्षिणा में दिया था और इसलिए इसका नाम गुरग्राम पड़ा जो बाद में विकृत होकर गुड़गांव हो गया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हरियाणा भागवत गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुड़गांव शिक्षा का केंद्र रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘यह गुरु द्रोणाचार्य के समय से गुड़गांव के नाम से जाना जाता था। गुड़गांव शिक्षा का महान केंद्र था जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी। इसलिए लंबे समय से लोग मांग कर रहे थे कि गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया जाए।’ इस फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जहां फैसले का स्वागत किया, वहीं पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसले की आलोचना की। हुड्डा ने कहा कि नाम में बदलाव उचित है और इस बारे में प्रस्ताव उनके कार्यकाल के दौरान भी आया था। सुरजेवाला ने कहा कि गुड़गांव की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग है और यह विशुद्ध रूप से सतही कवायद है।
मेवात जिले का नाम बदलकर नूह किया
प्रवक्ता ने कहा कि मेवात दरअसल एक भौगोलिक और सांस्कृतिक इकाई है, न कि एक शहर। यह हरियाणा से बाहर पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला हुआ है।
मेवात जिले का मुख्यालय नूह शहर है। इलाके के लोग और निर्वाचित प्रतिनिधि मांग कर रहे थे कि इसका नाम बदलकर नूह कर दिया जाए। हुड्डा ने कहा कि मेवात का नाम जस का तस रखना चाहिए था क्योंकि इसका नाम स्वतंत्रता संघर्ष में प्रमुख रूप से आता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)