HAL के चेयरमैन बुधवार को करेंगे रक्षामंत्री से मुलाकात, वित्तीय संकट पर होगी बातचीत
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HAL के चेयरमैन बुधवार को करेंगे रक्षामंत्री से मुलाकात, वित्तीय संकट पर होगी बातचीत

एचएएल की बोर्ड मीटिंग के दौरान अपने कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए 962 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट (बैंक से धनराशि लेना) लिए जाने का मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

बेंगलुरु में मंगलवार को एचएएल की बोर्ड मीटिंग के दौरान अपने कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए 962 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट (बैंक से धनराशि लेना) लिए जाने का मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

नई दिल्ली: वित्तीय संकट का सामना करने की खबरें सामने आने के बीच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन आर माधवन बुधवार (9 जनवरी) को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेंगे. बताया जा रहा है कि यह बैठक रक्षा मंत्री के साउथ ब्लॉक स्थित ऑफिस में होगी और इस दौरान एचएएल के वित्तीय संकट पर व्यापक रूप से चर्चा होगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार, माधवन के साथ ही एचएएल में फाइनेंस के निदेशक अनंत कृष्णन भी बैठक में मौजूद रहेंगे और इस सरकारी कंपनी के वित्तीय संकट की जानकारी रक्षा मंत्री से साझा करेंगे.   

बेंगलुरु में मंगलवार को एचएएल की बोर्ड मीटिंग के दौरान अपने कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए 962 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट (बैंक से धनराशि लेना) लिए जाने का मुद्दे पर भी चर्चा हुई. दरअसल, सरकार के बयान के अनुसार एचएएल को एक लाख करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया गया था. वहीं, एचएएल के वित्तीय संकट से जूझने की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग छिड़ गई थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले पर रक्षामंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगा दिया था. .

 

 

राहुल गांधी के सवाल पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने तीखा हमला करते हुए कहा था कि कृपया करके पूरी रिपोर्ट पढ़ें. लोकसभा के रिकॉर्ड में ये बात पूरी तरह से है कि ये ऑर्डर अब तक साइन नहीं किए गए हैं. इन पर काम चल रहा है. रक्षामंत्री सीतारमन ने एक पत्र ट्वीट करते हुए लिखा ये शर्म की बात है कि कांग्रेस के अध्‍यक्ष पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं. 2014 से 2018 के बीच एचएएल के साथ 26570.8 करोड़ के कॉन्‍ट्रेक्‍ट साइन किए गए. 73000 करोड़ के प्रोजेक्‍ट पाइपलाइन में हैं. क्‍या अब राहुल गांधी संसद में देश से माफी मांगेंगे.

वहीं, इस जुबानी जंग के बीच एचएएल ने भी सफाई देते हुए कहा था कि सरकारी कंपनी ने 962 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट (बैंक से धनराशि लेना) लिया था, लेकिन 83 हल्के लड़ाकू विमानों और 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के ऑर्डर अभी अंतिम चरण में हैं और उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार की संभावनाएं हैं. 

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