Election 2024 : मनोज जरांगे ने चेतावनी दी कि जिस दिन लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आएंगे, उस दिन से मराठा आरक्षण आंदोलन फिर शुरू किया जाएगा.
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Manoj Jarange : मनोज जरांगे नई सरकार के लिए पहली चुनौती बन सकते हैं. कहा जा रहा है, कि मनोज जरांगे ने मंगलवार ( 14 मई ) को चेतावनी दी है, कि जिस दिन लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आएंगे यानी चार जून से फिर मराठा आरक्षण आंदोलन शुरू किया जाएगा . साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों प्रवेश में आरक्षण की मराठा समुदाय की मांग पर दबाव बनाने के लिए आठ जून को एक रैली आयोजित की जाएगी. बता दें, कि जरांगे ने 17 वीं सदी के शासक छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती पर यहां उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
जरांगे पिछले साल से मराठा आरक्षण आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने माल्यार्पण के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अपने बच्चों के लिए आरक्षण चाहते हैं. हमें आर्थिक रूप से कमजोर तबके के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है जिसका कोई इस्तेमाल नहीं है.
यह वर्तमान पुलिस भर्ती में साबित हो गया है. जरांगे ने कहा, कि हम चार जून को अनिश्चितकालीन अनशन कर फिर आंदोलन शुरू करेंगे. यह आंदोलन शांतिपूर्ण होगा. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें आशा है कि सरकार इससे पहले ही उनकी मांगों का समाधान कर देगी.
जरांगे ने कहा कि बीड जिले के नारायणगड में आठ जून की रैली के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है. लोकसभा चुनाव पर मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मेरा इससे लेना-देना नहीं है और न ही मैंने किसी के लिए प्रचार किया. मैंने बस इतना कहा कि लोगों को उन्हें हराना चाहिए जो हमारे विरुद्ध हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र में पहले कभी इतनी रैलियां नहीं कीं.
जरांगे ने कहा, अतीत में उन्होंने कई चिह्नों पर चुनाव लड़ रहे विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए प्रचार भी नहीं किया. लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा किया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रदेश भाजपा के चार-पांच नेताओं के मन में मराठाओं और अन्य समुदायों के प्रति नफरत है.
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल मराठाओं से घृणा करते हैं. उन्होंने कहा, फडणवीस को अपनी नफरत का परित्याग कर देना चाहिए क्योंकि हम कभी भाजपा के खिलाफ नहीं थे. जरांगे ने चेतावनी दी कि यदि सरकार कुनबी जाति प्रमाणपत्र हासिल कर चुके मराठाओं के रिश्तेदारों को ऐसा जाति प्रमाणपत्र नहीं देती है तो हम आने वाले विधानसभा चुनाव में मैदान में होंगे. राज्य में कृषि कार्य करने वाला कुनबी समुदाय ओबीसी समूह का हिस्सा है.