Hemant Soren Remand: हेमंत सोरेन को झटका, पूछताछ के लिए ED को मिली 5 दिन की रिमांड
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Hemant Soren Remand: हेमंत सोरेन को झटका, पूछताछ के लिए ED को मिली 5 दिन की रिमांड

Hemant Soren ED Arrest: हेमंत सोरेन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. इसके खिलाफ हेमंत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है.

Hemant Soren Remand: हेमंत सोरेन को झटका, पूछताछ के लिए ED को मिली 5 दिन की रिमांड

Hemant Soren Supreme Court Hearing: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कोर्ट ने ईडी को हेमंत सोरेन की 5 दिन की रिमांड दे दी है. इस दौरान हेमंत से पूछताछ की जाएगी. इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई की मांग वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर सीधे सुनवाई से इनकार किया. कोर्ट ने सोरेन को पहले हाईकोर्ट जाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के दरवाजे सबके लिए बराबर खुले हैं. अगर हम सीधे आपकी अर्जी पर सुनवाई करते हैं तो फिर हमें हरेक को सीधे सुनना होगा. हाईकोर्ट भी संवैधानिक कोर्ट है. वो भी आर्टिकल 226 के तहत इस केस में सुनवाई कर उपयुक्त आदेश देने में समर्थ है.

याचिका में केंद्र पर सरकार गिराने का आरोप

बता दें कि हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में कहा था कि इस केस में उनकी गिरफ्तारी अवैध, मनमानी और मूल अधिकारों का हनन करने वाली है. उन्हें गैरकानूनी तरीके से राजभवन से हिरासत में लिया गया है. ED की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है. केंद्र सरकार के इशारे पर एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के मकसद से ये कार्रवाई की गई है.

कैश की बरामदगी गिरफ्तारी का आधार नहीं

हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में कहा था कि दिल्ली स्थित उनके आवास से जो 36 लाख का कैश मिला है, वो उनकी गिरफ्तारी का आधार नहीं बन सकता. जिस परिसर से ये बरामदगी हुई है, वो झारखंड सरकार की लीज प्रोपर्टी है. रेड से पहले सर्च का कोई नोटिस उन्हें नहीं दिया गया. जो कैश मिला है, उसे भी अपराध से अर्जित आय साबित करने के लिए कोई सबूत ED के पास नहीं है.

वकीलों के आग्रह को SC ने ठुकराया

आज ये मामला जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच के सामने सुनवाई पर आया. सुनवाई शुरू होते ही बेंच ने साफ कर दिया कि वो इसपर सीधे सुनवाई के पक्ष में नहीं है. हालांकि, सोरेन की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को सुनवाई के लिए आश्वस्त करने की पूरी कोशिश की. सिब्बल ने दलील दी कि राजनीति के चलते सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की गई है. ये एक मुख्यमंत्री से जुड़ा मसला है. ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट चाहे तो सीधे सुनवाई कर सकता है. लेकिन बेंच ने कहा कि कोर्ट सबके लिए बराबर है. अगर हम सीधे आपकी अर्जी पर सुनवाई करते हैं तो फिर हमें हरेक को सीधे सुनना होगा. ये संभव नहीं है. आप हाईकोर्ट जाइए. वो भी संवैधानिक कोर्ट है.

HC को कोई निर्देश देने से भी इनकार

कोर्ट के रुख को देखते हुए सोरेन की ओर से पेश वकीलों ने मांग की कि सुप्रीम हाई कोर्ट में सुनवाई की समयसीमा तय कर दे. इस पर बेंच ने कहा कि आप हाईकोर्ट से जल्द सुनवाई का आग्रह कर सकते हैं. हम यहां से हाईकोर्ट को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. वकीलों के बीच टीका टिप्पणी सुनवाई खत्म होने के बाद भी होती रही. ED की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि एक आम आदमी को ऐसा लाभ नहीं मिलेगा कि वो सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सके. इस पर सिब्बल ने कहा कि ये सच्चाई है कि वो सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं.

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