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नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने 2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार घटना पर बीबीसी को विवादास्पद वृत्तचित्र बनाने की इजाजत देने के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि उसने बनाए जा रहे वृत्तचित्र के मापदंड, पटकथा या प्रकृति की जांच नहीं की।
हेपतुल्ला ने इस मुद्दे पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के रुख का जोरदार समर्थन करते हुए शनिवार को कहा, ‘जब पूर्ववर्ती सरकार ने फिल्म को अनुमति दी, उसे यह जांच करनी चाहिए थी कि उसका मापदंड, पटकथा क्या है और वे क्या बना रहे हैं। कुछ नियंत्रण होना चाहिए था लेकिन वे यह करने में असफल रहे।’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि गृह मंत्री की ओर से की गई कार्रवाई एक कड़ा कदम है..सरकार विभिन्न चीजों को ध्यान में रखते हुए जो भी कदम उठाएगी वह सही होगा।’ उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले फिल्मनिर्माता अपने दृष्टिकोण से फिल्में बनाते हैं। वे फिल्में भारतीय संदर्भ में नहीं पेश करते न ही फिल्म बनाते समय स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यह देश की प्रतिष्ठा और उसकी भावनाओं का सवाल है। यदि हम कोई ऐसी फिल्म बनाते हैं जो अपमानजनक और विवादास्पद है क्या वे आहत नहीं होंगे? एकदूसरी की भावनाओं का ध्यान रखना एक प्रोटोकॉल है।’ इस सप्ताह के शुरू में वृत्तचित्र का प्रसारण करने वाली बीबीसी को सरकार ने कानूनी नोटिस भेजा है जबकि गृह मंत्री ने इसकी जांच का आदेश दे दिया है कि दोषी मुकेश सिंह का जुलाई 2013 में साक्षात्कार लेने की अनुमति कैसे दी गई। इसके साथ ही गृह मंत्री ने इस मामले में जिम्मेदारी तय करने का भी आदेश दिया है।