Polygamy Tradition: महिलाओं के प्रति हमारा समाज कभी बेहद निर्दयी था. महिलाओं को पुरुष के बराबर अधिकार नहीं मिलते थे. महिलाएं हमेशा पर्दे में ही रहती थीं. महिलाएं वो ऐश-आराम नहीं कर पाती थीं, जिसपर पुरुष सिर्फ अपना अधिकार समझते थे.
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Polygamy Tradition: महिलाओं के प्रति हमारा समाज कभी बेहद निर्दयी था. महिलाओं को पुरुष के बराबर अधिकार नहीं मिलते थे. महिलाएं हमेशा पर्दे में ही रहती थीं. महिलाएं वो ऐश-आराम नहीं कर पाती थीं, जिसपर पुरुष सिर्फ अपना अधिकार समझते थे. लेकिन जैसे-जैसे समय की सुई घूमती गई. महिलाएं सशक्त होती चली गईं. आज महिलाओं और पुरुषों में कोई अंतर नहीं है. लेकिन कुछ ऐसी जगह अब भी हैं जहां महिलाओं को पुरानी परंपाएं माननी पड़ती है. इनमें से एक है बहुपति विवाह.
हालांकि, आधुनिक समय में बहुपति विवाह को अवैध माना जाता है और कुछ देशों में इसे कानूनी रूप से प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा, बहुपति विवाह के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे कि महिलाओं के अधिकतम शोषण और पुरुषों की संतानों के बीच ज्यादा संघर्ष.
बता दें कि कुछ सालों पहले तक हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश में ऐसी शादियों की खबरें आती रहती थीं. किन्नौर में बहुपति विवाह ज्यादा प्रचलित थी. बीते लगभग दस सालों से बहुपति विवाह के बारे में कम सुनने में आया है. लेकिन तिब्बत में यह प्रथा आज भी सुनने में आ जाती है. शादी के बाद सबसे पहले पत्नी के साथ बड़ा भाई समय बिताता है. उसके बाद उम्र के हिसाब से सभी भाई पत्नी के साथ समय बिताते हैं.
आज के समय में, बहुविवाह से बचने के लिए शिक्षा और जागरूकता का ज्यादा महत्व है ताकि लोग इस तरह की पुरानी परंपराओं से दूर रहें और अपनी ज़िम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा सकें.
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