आपने नोटिस किया होगा कि पिछले हफ्ते भर में सरकार ने कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर कई कड़े फैसले लिए हैं. जैसे पहली बार सभी विदेशियों की भारत में एंट्री बंद कर दी गई.
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नई दिल्ली: आपने नोटिस किया होगा कि पिछले हफ्ते भर में सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर कई कड़े फैसले लिए हैं. जैसे पहली बार सभी विदेशियों की भारत में एंट्री बंद कर दी गई. मॉल, सिनेमाघर, जिम और दफ्तरों को बंद करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. कई राज्य सरकारों ने हेल्थ इमरजेंसी भी लगा दिया है. आखिर ऐसा क्या हो गया है जो सरकार को इतने सख्त कदम बैक टू बैक उठाने पड़े हैं? जरा एक नजर डालें इन आंकड़ों पर...
तीसरे और चौथे हफ्ते में कोरोना करता है सबसे ज्यादा हमला
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी हो रहे आंकड़ों पर नजर डालें तो सरकार की परेशानी समझ में आ जाएगी. दरअसल चीन को छोड़कर पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा कोहराम तीसरे और चौथे हफ्ते में ही मचाया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक मिले रिपोर्ट से साफ नजर आ रहा है कि कोरोना वायरस किसी देश में घुसते ही पहले और दूसरे हफ्ते में बेहद धीमी गति से फैल रहा है. लेकिन तीसरे और चौथे हफ्ते में तांडव मचा रहा है. इन्हीं दो हफ्तों में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौत और संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
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ईरान, अमेरिका, इटली और कोरिया है उदाहरण
चीन के बाहर कोरोना वायरस का तीसरे और चौथे हफ्ते में काफी आंतक फैला है. मसलन, ईरान में फरवरी के आखिरी हफ्ते में लगभग 106 मामले रिपोर्ट किए गए. लेकिन तीसरे और चौथे हफ्ते में ये बढ़कर 6,000 से पार हो गया. अब तक ईरान में कोरोना वायरस की वजह से 853 मौत हो चुकी है. इसी तरह इटली में भी पहले 23-29 फरवरी के बीच सिर्फ 122 लोग वायरस से संक्रमित थे. लेकिन तीसरे और चौथे हफ्ते में वायरस ने पूरे इटली में कोहराम मचा दिया है. चौथे हफ्ते तक इटली में 15,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. साथ ही 1,809 लोग मर चुके हैं. दक्षिण कोरिया में भी इन्हीं दो हफ्तों में लगभग 4000 से ज्यादा मामले सामने आए.
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भारत नहीं लेना चाहता कोई चांस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आने वाले दो हफ्ते भारत सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इसी वजह से 31 मार्च तक सभी सार्वजनिक स्थलों को बंद रखने का फैसला किया गया है. एयरपोर्ट में भी सुरक्षा कड़े कर दिए गए हैं. और यात्रा के बाद भारत वापस आने वाले सभी लोगों को 14 दिनों के लिए स्वास्थ्य निगरानी में रखा जा रहा है.