Afghanistan में कितना खौफनाक है मंजर, India आए अफगान शरणार्थियों ने बयां किया दर्द
Advertisement
trendingNow1965968

Afghanistan में कितना खौफनाक है मंजर, India आए अफगान शरणार्थियों ने बयां किया दर्द

Afghan Refugees Came To India: अफगान शरणार्थियों ने बताया कि अफगानिस्तान में हालात बहुत खराब हैं. उन्हें अंदाजा नहीं था कि काबुल पर इतनी जल्दी तालिबान का कब्जा हो जाएगा.

फाइल फोटो | फोटो साभार: रॉयटर्स

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेना (US Army) की रवानगी के बाद तालिबान (Taliban) अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो चुका है. क्या काबुल (Kabul), क्या राष्ट्रपति भवन हर जगह तालिबान ही तालिबान है. इस बीच ज़ी मीडिया की टीम ने अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रकोप के कारण आसरे की तलाश में भारत आए अफगानी लोगों (Afghan refugees) से बात की.

  1. कई शरणार्थियों के परिजन अफगानिस्तान में फंसे
  2. तालिबान के डर से छोड़ा अफगानिस्तान- शरणार्थी
  3. बीवी-बच्चों की चिंता सता रही है- शरणार्थी

सुरक्षित आसरे की उम्मीद लेकर आए भारत

बता दें कि 40 साल के गुलाम रजा बीते 13 अगस्त को सुरक्षित आसरे की आस लेकर काबुल से भारत आए. उनके बीवी-बच्चे काबुल में हैं. वह परेशान हैं कि कहीं तालिबान उनके साथ कुछ गलत ना कर दे. उन्होंने सोचा था कि अभी महीनों का वक्त है. 2-3 महीने बाद बीवी-बच्चों को भी भारत बुला लेंगे लेकिन उन्हें यह अहसास नहीं था कि दुनियाभर के विशेषज्ञ जो तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के समय को कम से कम 3 महीना बता रहे थे वो 15 अगस्त को 3 घंटे ही होंगे.

अफगानी शरणार्थी ने सुनाई आपबीती

अफगानी शरणार्थी गुलाम रजा ने कहा कि अफगानिस्तान से 3 दिन पहले आया हूं. टीवी और फेसबुक पर देखा कि तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है. पूरा परिवार अभी भी काबुल में है. मैं जैसे-तैसे यहां आ पाया. मैं बहुत परेशान हूं कि उनका क्या होगा? तालिबान उनका क्या करेगा? तालिबान बच्चों और महिलाओं का खून कर देता है. हालात बहुत ही खराब हैं. बाजार-दुकान बंद है.

ये भी पढ़ें- अफगानिस्तान में तालिबान की जीत पाकिस्तान के लिए बन सकती है मुसीबत, ये है बड़ी वजह

उन्होंने आगे कहा कि तालिबान आदमी को गुलाम बना कर रखता है और मारता है. तालिबान से हम वाकिफ हैं वो मारने में भरोसा रखते हैं. पाकिस्तान तालिबान की मदद कर रहा है, जो सही नहीं है. अमेरिका सिर्फ कारोबार करने आया था, हालात खराब करके चला गया.

fallback

मजार-ए-शरीफ में मचा कोहराम

गुलाम रजा की तरह ही उबैद भी हैं जो टूटी-फूटी उर्दू बोलते हैं. वो ज्यादातर फारसी बोलते हैं. उबैद 9 दिन पहले अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर तालिबान के पहली बार हुए हमले के बाद भारत में सुरक्षित रहने आए. उन्हें डर है कि कभी वतन जा भी पाएंगे या नहीं.

उबैद ने कहा कि 8 दिन पहले भारत आया. मजार-ए-शरीफ की हालत बहुत खराब थी. तालिबान ने वहां कोहराम मचा रहा था. सड़कों पर बंदूकों का मेला था. दहशतगर्दों का कब्जा था. अमेरिका तो हमें हमारे हाल पर छोड़ कर चला गया. तालिबान मजार-ए-शरीफ का निजाम बन चुका है. अफगानिस्तान का भी कुछ दिन में बन जाएगा. फिर हम कभी वापस शायद नहीं जा पाएंगे.

ये भी पढ़ें- मुर्गी उबालने के लिए पानी चढ़ाया, उसी में उबलती मिली खुद की बच्ची; मचा हड़कंप

तालिबान अफगानिस्तान में यूं ही एकदम नहीं से आया है. 20 साल अमेरिकी सेना से कथित युद्ध के बाद तालिबान का प्रभाव कम हुआ लेकिन खत्म नहीं हुआ. 2019 में भारत में शरण लेने आए मंजूर की बहन अभी भी काबुल में फंसी हुई हैं. एयरपोर्ट बंद है. बहन की चिंता सता रही है. अमेरिकियों और अशरफ गनी सरकार से अफगानी शरणार्थी खासा नाराज हैं. उन्हें पंजशीर के शेर अहमद शाह मसूदी की इस समय याद आ रही है.

अफगानियों के भारत में शरण लेने का सिलसिला आज से नहीं बल्कि कई सालों से चल रहा है. आज से 3 साल पहले लाजपत नगर के रहने वाले राकेश कनौजिया के पास 2 अफगान शरणार्थी आए थे. राकेश ने अथिति देवो भव के सिद्धांत का पालन करके उन दोनों को घर दिया. काम करने के लिए दुकान दी ताकि देश के मेहमान भूखे पेट खुले में ना सोएं.

अफगानिस्तान में इस समय तालिबान के प्रकोप की बात करें तो अफगानिस्तान के 27 प्रांत तालिबान के कब्जे में आ चुके हैं और तालिबान कभी भी अफगानिस्तान में अपने प्रमुख की घोषणा कर सकता है. ऐसे में एक बात तो साफ है कि अफगानियों के लिए आने वाले कुछ दिन बेहद की खौफनाक होने वाले हैं.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news