जानिए कैसे हम एक दिन में 137 करोड़ रु. का खाना बर्बाद करते है
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जानिए कैसे हम एक दिन में 137 करोड़ रु. का खाना बर्बाद करते है

जानिए कैसे हम एक दिन में 137 करोड़ रु. का खाना बर्बाद करते है (फाइल)

नई दिल्लीः रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 30वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से सब कुछ बजट या सरकारी धन से नहीं जुड़ा है. देश का हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी और दायित्व निभाने का संकल्प लें, तो न्यू इंडिया का सपना आसानी से पूरा होगा. पीएम मोदी ने आम लोगों से आग्रह किया वो खाने की बर्बादी को रोके.

आपको बता दें कि हमारे देश में जहां एक तरफ हजारों की संख्या में ऐसे भी लोग है जिन्हें कई बार दिन एक  टाइम का खाना नसीब नहीं होता हैं, वहीं ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं जिन्हें इतना खाना नसीब होता है कि वो फेंकने में जाता है.

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एक सच ये भी है

- एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में प्रतिदिन 6000 बच्चे कुपोषण (मानव शरीर को प्रतिदिन जितना पोषण मिलना चाहिए उतना नहीं मिलना) का  शिकार होते है.  

- विश्व भुखमरी सूचकांक में 118 देशों में से हमारा देश 97वें स्थान पर है.

- खाद्यान बर्बादी में हम दुनिया में 7वें नंबर पर है और हमारे देश में हर साल 670 लाख टन खाना बर्बाद होता है.

- आपको ये भी जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में 50,000 करोड़ रुपये का खाद्यान हर साल भंडारण के आभाव में नष्ट हो जाता है.

- हमारे देश के कुल खाद्यान का 40 प्रतिशत हिस्सा भंडारण के आभाव में बर्बाद हो रहा है.

- एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल और 21 करोड़ टन सब्जियां खराब हो जाती है.

- वहीं भारत के कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के सालान अनाज उत्पादन के बराबर हम अनाज बर्बाद कर देते है.

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शादियों में खाने की बर्बादी

हमारा देश उत्सवधर्मी हैं, यहां तीज त्योहार, शादी-ब्याह चलते ही रहते है. सबसे ज्यादा अन्न की बर्बादी इन्हीं मौकों पर होती है. एक सर्वे के मुताबिक  अकेले बेंगलुरु में ही एक साल में होने वाली शादियों में 943 टन पका खाना फेंक दिया जाता है. इससे ढाई करोड़ लोगों को एक समय का खाना दिया जा  सकता है. ऐसे छोटे-छोटे से न दिखने वाले कारणों से ही हम लोग हर साल 670 लाख टन खाना बर्बाद करते है और इस बर्बाद हुए खाने की कीमत 50 हजार करोड़ रुपये है. इसका मतलब हम प्रतिदन करीब 137 करोड़ रु. का खाना बर्बाद करते है.

खाने की बर्बादी रोकने के लिए उठाए गए कदम

जम्मू-कश्मीर ने बनाया कानूनः देश में जम्मू-कश्मीर इकलौता ऐसा राज्य है जहां शादियों में खाने की बर्बादी को रोकने के लिए सरकार ने कानून बनाया है. कानून के मुताबिक हर शादी में मीनू (खाने की लिस्ट) व खाने की मात्रा तय की जाती है. 

संसद में बिल पेशः  आपको बता दें कि संसद में भी खाने की बर्बादी को लेकर बिल पेश किया जा चुके है. जी हां बिहार से कांग्रेस की सांसद  रंजीत रंजन ने खाने की बर्बादी को रोकने के लिए संसद में बिल पेश कर चुकी है.

बचा हुआ खाना जरूरतमंदों तक पहुंचाने की मुहिमः उत्तर प्रदेश के कानपुर के कुछ युवा 'फूड फॉर आल' पहल से शादियों में बचने वाला खाना गरीबों तक  पहुंचा रहे है. सिर्फ दो महीनों में ही इन युवाओं ने 700 परिवारों तक खाना पहुंचाया है.

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