भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वह उस दिन का इंतजार करेंगे, जब उनके बेटे और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा अपने पिता का समर्थन करने का अपना धर्म महसूस करेंगे.
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नई दिल्ली: भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वह उस दिन का इंतजार करेंगे, जब उनके पुत्र और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा अपने पिता का समर्थन करने का अपना धर्म महसूस करेंगे. यशवंत ने गुरुवार रात एक किताब के विमोचन समारोह में कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के मोदी सरकार के तौर-तरीके की निंदा करने वाला आलेख लिखने के बाद पिता-पुत्र के बीच विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. यशवंत केबेटे जयंत ने एक दिन बाद एक आलेख लिखा, जिसमें उन्होंने मौलिक संरचनागत सुधारों की बात की, जो अर्थव्यवस्था को रूपांतरित कर रहे हैं. यशवंत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस बात पर जरूरत से अधिक जोर दिया गया कि उनके बेटे जयंत मंत्रिमंडल में हैं. जयंत सिन्हा केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री हैं.
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शवंत ने कहा, "इतिहास में, आज भी ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं, जब पिता-पुत्र सहमत नहीं रहे हैं. जैसा कि मैंने पहले ही दिन कहा कि वह अपना धर्म निभा रहे हैं, और मैं अपना धर्म."
यशवंत ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की ताजा किताब का विमोचन करने के बाद कहा, "किसी दिन वह मेरा समर्थन करने का अपना धर्म महसूस करेंगे, मैं उस दिन का इंतजार करूंगा. यदि वह ऐसा नहीं महसूस करते हैं तो उन्हें शुभकामनाएं."
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यशवंत सिन्हा ने यह भी संकेत दिया कि वह विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखते रहेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे इस बात का भरोसा है कि ऐसा कोई आगरा का किला नहीं है, जिसमें मुझे कैद किया जा सकता है." उनका संदर्भ मुगल बादशाह शाहजहां के बारे में था, जिन्हें उनके बेटे औरंगजेब ने 17वीं सदी में आगरा के किले में आठ वर्षो तक कैद रखा था. यशवंत ने यह भी कहा कि कई ऐसे नेता हैं जो जनता से एक दूरी बनाकर बात करते हैं और वह जनता के साथ बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि "ढेर सारी एकतरफा बातें हैं." यशवंत ने कहा कि किताब विमोचन का निमंत्रण उन्हें उनके आलेख को लेकर पैदा हुए विवाद से बहुत पहले मिला था.